Heat stroke treatment: भारत के अधिकतर क्षेत्रों में गर्मी का कहर जारी है। दिल्ली के मुंगेशपुरी में आज का तापमान 52.3 नोट किया गया था। देश के कई शहर में तापमान 42 डिग्री से उपर चल रहा है। इंदौर की बात करें तो 43 के पार तापमान रहा है। भोपाल में 44 के पार तापमान गया है। बढ़ते तापमान के कारण, हर उम्र के लोगों को गर्मी से संबंधित बीमारी होने और लू लगने की बहुत अधिक संभावना होती है। गर्मी के कारण सिर्फ राजस्थान में ही 48 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
कितने तापमान पर होती है गर्मी से मौत?
एक्सपर्ट के अनुसार तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाते ही खतरा बन जाता है। यह माना जाता है कि 49-50 डिग्री के तापमान में बाहर निकलना मौत को दावत देने जैसा है क्योंकि इतने तापमान में अमेरिका और कनाडा जैसी जगहों पर लोग मरते देखे गए हैं। इस तापमान में शरीर इतना ज्यादा पसीना निकालने लगता है कि खुद शरीर ही इसको नहीं झेल पाता है। शरीर में डिहाड्रेशन की जानलेवा स्थिति बन जाती है।
सामान्यत: मानव शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है यानी 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर। आमतौर पर यह माना जाता है कि मनुष्य 108.14 डिग्री फारेनहाइट यानी 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान में अधिकदेर तक रहने के बाद भी जीवित रह सकता है बशर्ते की वह पानी पीता रहे। इससे ज्यादा के तापमान में रहना मुश्किल होता जाता है।
ज्यादा गर्मी में क्यों खराब होते हैं अंग?
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तेज गर्मी के कारण तेजी से पसीना निकलता है और रक्त प्रवाह को बनाए रखने और शरीर को ठंडा रखने के लिए हृदय गति तेजी से बढ़ जाती है
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निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है।
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तेज गर्मी के कारण त्वचा पर चकत्ते बनने लगते हैं और अंदर का खून बाहर आने लगता है। त्वचा के पास की रक्त कोशिकाएं फटने की संभावना बढ़ जाती है।
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निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मतली, चक्कर, उल्टी-दस्त, सिरदर्द और बेहोशी छाने होने लगती है।
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शरीर अत्यधिक गर्मी से छुटकारा पाने की क्षमता खो सकता है और सभी अंग धीरे धीरे काम करना बंद करने लगते हैं।
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हीट स्ट्रोक बनता है मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण।
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ओवरआल अधिक तापमान में लंबे समय तक रहने से हीटस्ट्रोक और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
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गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी व सॉल्ट की कमी के चलते ही कई समस्याएं पैदा होती हैं।ALSO READ: बिहार में भीषण गर्मी, कई स्कूली छात्र हुए बेहोश, पारा 47 के पार
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