Miscarriage Problems: महिलाओं में बढ़ते मिसकैरेज की क्या है वजह और कैसे हो सकती है इसकी रोकथाम
इन बातों का खयाल रखकर इस तरह कर सकते हैं मिसकैरेज के खतरे को कम
Prevention of miscarriage
Prevention of miscarriage: मां बनाना किसी भी महिला के लिए दुनिया का सबसे सुखद एहसास है। प्रेगनेंसी उनके जीवन की सबसे यादगार अवस्था होती है। मगर कई महिलाओं को मिसकैरेज जैसी बहुत ही मुश्किल स्थिति से भी गुजरना पड़ता है। जिस कारण उसे भावनात्मक रूप से बहुत गहरी चोट पहुंचती है। कभी-कभी मिसकैरेज होना मां के हाथ में नहीं होता। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इस खतरे को कम किया जा सकता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आप किन बातों का ध्यान रखकर आप इस खतरे को रोक सकते हैं।
प्रीनेटल देखभाल
गर्भधारण के बाद समय-समय पर प्रीनेटल केयर करती रहे। इससे अगर भ्रूण में किसी भी तरह की परेशानी देखी जाएगी तो तुरंत उसे पहचान लिया जाएगा जिससे मिसकैरेज होने का खतरा न के बराबर रह जाता है।
सेहतमंद जीवन शैली
एक अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाना जरूरी है और जब आपके गर्भ में एक और जीवन पाल रहा है तब ऐसे में एक स्वस्थ और अच्छी जीवन शैली को अपनाने की कोशिश करें। बहार का खाना न खाएं जिससे आपके बच्चे पर असर हो। आपकी यह सतर्कता मिसकैरेज के खतरे को रोकती हैं। प्रेगनेंसी के समय अल्कोहल या धूम्रपान का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
क्रॉनिक बीमारियां
अगर आप किसी भी क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित है तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं। डॉक्टर द्वारा बताई गई कुछ दवाइयों से आप गर्भपात जैसी गंभीर और भावनात्मक प्रक्रिया से गुजरने से बच जाएंगे।
हाइजीन है जरूरी
बात अब केवल आपकी नहीं आपके बच्चे की भी है। इसलिए हाइजीन का पूरा ध्यान रखें कुछ भी ऊल जलूल ना खाएं और कोई भी चीज खाने से पहले अपने हाथों को और उसे चीज को वॉश करके ही खाएं। इससे आप अपने बच्चों को खोने से बच सकती हैं।