- अथर्व पंवार
संगीत और मन एक दूसरे के पूरक है। जैसा मन होता है वैसा ही संगीत हम बनाते हैं और जैसा संगीत सुनते हैं वैसा ही मन भी हो जाता है। संगीत सुनाने से हमारे दिमाग पर बहुत लाभ होता है। कई मानसिक बीमारियों के इलाज से लेकर खराब मूड तक को संगीत के माध्यम से सुधारा जा सकता है। आइए जानते हैं संगीत के लाभ -
1 संगीत को सीखने या सुनने से हमारी याद रखने की क्षमता बढ़ती है।
2 संगीत से डिप्रेशन, हायपर टेंशन, चिड़चिड़ इत्यादि का निवारण होता है।
3 कई छोटे बच्चे जो मानसिक रूप से थोड़े कमजोर होते हैं उन्हें भी राग थैरेपी के माध्यम से समयानुसार राग सुनाए जाते हैं, इससे उनमें कुछ सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
4 गर्भवती महिलाओं को राग दुर्गा, श्री, केदार, शंकरा इत्यादि सुनाए जाते हैं जिससे उनकी कोख में पल रहे शिशु पर सकारात्मक परिणाम नजर आते हैं।
5 संगीत ध्यान लगाने का सबसे अच्छा माध्यम है , अगर आपका दिमाग विचलित रहता है तो सुबह के समय राग अहीर भैरव या भैरव में मैडिटेशन कर सकते हैं, आपको कुछ ही दिनों में परिणाम दिखेंगे।
6 जैसा आप संगीत सुनते हैं उसके vibration से आपका शरीर भी वैसा ही हो जाता है। उदाहरण के लिए आप कसरत करते समय वीर रस का संगीत सुनते हैं और जब वात्सल्य रस का सुनते हैं तो दिमाग शांत हो जाता है।
7 जब हम संगीत के कम्पन्न को अनुभव करते हैं तो हमारे आसपास के सूक्ष्म आभामंडल (cosmos world) में भी सकारात्मकता की अनुभूति होती है।
8 राग थेरैपी से कई ऐसी बीमारियां भी ठीक हो जाती है जिसकी अपेक्षा भी नहीं रहती, कर्णाटक संगीत की प्रख्यात वॉयलिन वादिका एन राजम जी का राग दरबारी कानड़ा सुनकर एक महिला कोमा से बाहर आ गई थी।
रागों के अनुसार संगीत (शास्त्रीय) रूप में सुनने से आपको अच्छे परिणाम दिखेंगे, वह राग थैरेपी का कार्य करेंगे।