कोरोना सार्स-कोवी-2 के नए स्वरूप बी. 1.1.529 (ओमिक्रोन) चिंता का विषय बन गया है। ओमिक्रोन समूची दुनिया में तेजी से अपने पैर पसार रहा है। ऐसे में बचाव के लिए बूस्टर डोज की मांग तेज हो रही है। एक अध्ययन में गामेलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने रशिया की स्पूतनिक-वी टीका और सिंगल डोज वाली खुराक स्पूतनिक लाइट बूस्टर टीके ने कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी बनाई है।
स्पूतनिक-वी की तरफ से बयान में बुधवार को कहा गया कि, ''अध्ययन टीकाकरण के 6 महीने से अधिक समय बाद किया गया है। जो स्पूतनिक -वी से मिलने वाली सुरक्षा से अधिक है। बयान में यह भी दावा किया गया की कोविड का म्यूटेशन भी प्रभावित नहीं होता है। स्पूतनिक-वी डोज से मजबूत और दीर्घकालीन टी-सेल बनाई। स्पूतनिक-वी द्वारा ओमिक्रोन से होने वाले संक्रमण के खिलाफ बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 80 फीसदी प्रभावी
कोविड की पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी लंबे वक्त तक टिकाउ और टी सेल 6 से 8 महीने तक 80 फीसदी सुरक्षा प्रदान करता है। वहीं स्पूतनिक लाइट वायरस को न्यूट्रल करने में मदद करता है। अभी तक के अध्ययन में पाया गया कि स्पूतनिक लाइट को बूस्टर खुराक के तौर पर लगाने से ओमिक्रोन को न्यूट्रल करने वाली एंटीबॉडी विकसित हुई है। और वह 2 से 3 महीने तक प्रभावी पाई गई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पूतनिक-वी टीके की सराहना की। गौरतलब है कि स्पूतनिक-वी से गंभीर रोग, अस्पताल में भर्ती, और ओमिक्रोन के खिलाफ लड़ने में सुरक्षा मिली है।
कोरोना के इलाज में फाइजर की गोली
बता दें कि ओमिक्रोन से लड़ने में थोड़े कमजोर साबित हो रहे टीके के अलावा अन्य दवा बनाई जा रही है। वहीं अब फाइबर की गोली पैक्सलोविड को मंजूरी दी है। अमेरिका के दवा नियंत्रक US FDA ने फाइजर की गोली पैक्सलोविड को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। जिसे 12 साल या उससे ऊपर उच्च जोखिम वाले लोगों के कोविड इलाज के दौरान इस टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा।