Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या आपके कान में भी आती है सीटी जैसी आवाज? तो हो सकती है ये बीमारी

हमें फॉलो करें क्या आपके कान में भी आती है सीटी जैसी आवाज? तो हो सकती है ये बीमारी
क्या आपके कानों में बगैर किसी कारण के कोई आवाज गूंजती है? अगर आपका जवाब हां में है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह कोई आम समस्या नहीं है। यह टिनिटस नामक बीमारी हो सकती है। इसे रक्तवाहिनियों की समस्या या उम्र के साथ सुनने की शक्ति क्षीण होने से जोड़कर देखा जा सकता है। टि‍निटस की समस्या में कानों के अंदर बिना किसी कारण आवाज गूंजती है। लेकिन इसका उपचार भी किया जा सकता है।
 
आइए, जानें टिनिटस के लक्षण :
 
कानों में सि‍सकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।

 
टिनिटस के प्रकार :
 
1 ज्यादातर लोगों को जो समस्या होती है, उसमें कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है। सुनने की क्षमता के लिए जिम्मेदार नसों में किसी प्रकार की समस्या का होना व्यक्तिपरक टिनिटस कहलाता है।
 
2 वहीं टिनिटस का एक और भी प्रकार है, जो कि वस्तुपरक होता है। इसका कारण यह है, कि यह केवल डॉक्टर द्वारा तकनीकी जांच में ही सामने आता है। इस तरह के टिनिटस में खून की धमनियों में समस्या होती है। यह काफी कम लोगों में देखने को मिलता है। 
 
1 तेज आवाजों के संपर्क में आने के कारण यह समस्या पैदा हो सकती है। किसी फैक्ट्री या साउंड उपकरणों का शोर टिनिटस कर समस्या पैदा कर सकता है। 
 
2 कान में वैक्स इकट्टा होना भी इसका एक कारण है। कभी कभी हमारे कानों में अतिरिक्त मात्रा में मोम जम जाता है, जो टिनिटस की समस्या को जन्म दे सकता है।
 
3 कान की हड्डी का बढ़ना भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है, इससे सुनने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है। ऐसा लगने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

 
4 कई बार उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता क्षीण होने लगती है। यह भी टिनिटस की समस्या हो सकती है। साठ साल की उम्र के बाद इस समस्या का खतरा अधि‍क होता है।
 
जानिए, टिनिटस का उपचार-
 
1 कान को समय-समय पर साफ करते रहें। अगर आपके कान में काफी मोम जम गया है तो इसे निकालना बहुत जरूरी है इस बात का ध्यान रखें। इसके लिए सुरक्ष‍ित साधनों का प्रयोग करें। 
 
2 अत्यधिक शोर वाले स्थान से दूरी बनाएं रखें। यह आपकी श्रवण क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है।

 
3 आप चाहें तो कानों को ढंकने के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे शोर शराबे से सुरक्ष‍ित रह सकें। 
 
4 कुछ ऐसे यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण संबंधी आवाजों के स्त्रोत होते हैं। इस तरह की चीजें कानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं।
 
5 कई बार दवाईयों के साइड इफेट्स के रूप में टिनिटस की समस्या सामने आती है। इसलिए दवाईयों को डॉक्टरी परामर्शानुसार बदलते रहें। बीमारी का अंदेशा होने पर चिकित्सक से संपर्क करके परमर्शानुसार इलाज करें।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Happy Navratri 2019 : नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं तो यह 13 काम बिलकुल ना करें