महिलाओं में अनचाहे बाल, ये है असली वजह...

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महिलाओं में कभी-कभी अनचाहे बालों की समस्या हो जाती है। ऐसी स्थिति में चेहरे और शरीर के अन्य अंगों पर अनचाहे बाल काफी संख्या में उग आते हैं। पुरुषों की तरह चेहरे पर दाढ़ी मूंछ आना, पीठ, पेट व छाती पर बाल होना इसके उदाहरण हैं। क्या आप जानते हैं, कि महिलाओं में इन अनचाहे बालों का आखिर कारण क्या है ... 

 
 
अनचाही जगहों पर बाल उगने की इस समस्या को चिकित्सकीय भाषा में अतिरोमता कहा जाता है। महिलाओं में यह समस्या होने पर उनके पुरुषों की तरह बाल उगने लगते हैं।
 
दरअसल कुछ हार्मोन्स की अधिकता या हार्मोनल बदलाव के कारण इस तरह के अनचाहे बालों की समस्या पैदा होती है। खास तौर से महिलाओं में एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण चेहरे पर बाल आने की समस्या होती है, जो कि प्रमुख रूप से एक मेल सेक्स हार्मोन है।  
 
इसके अलावा महिलाओं में शरीर के अनचाहे अंगों पर बालों की वृद्धि‍ के कुछ और भी कारण हो सकते हैं, जिनमें रो‍मछिद्रों की संवेदनशीलता भी शामिल है। जी हां, बालों के जो रोमछिद्र होते हैं, उनमें एंड्रोजन हार्मोन के प्रति संवेदनशीलता का बढ़ना अतिरोमता का एक कारण है।
 
अधि‍कांशत: अतिरोमता का प्रमुख कारण एंड्रोजन ही होता है। कभी-कभी यह हार्मोन अंडाशय में भी बनने लगता है, जिससे महिलाओं के चेहरे व शरीर के अन्य अंगों में बालों का उगना शुरू हो जाता है।
 
एड्रिनल ग्रंथि‍ में किसी प्रकार की समस्या होने पर भी शरीर में एंड्रोजन का स्त्राव अधिक होने लगता है। नतीजतन हार्मोन का अधिक स्त्राव अतिरोमता का कारण बन जाता है, और बालों के उगने के लिए जिम्मेदार होता है।
 
हालांकि हर बार अनचाहे बालों का उगना एंड्रोजन हार्मोन के कारण नहीं होता। इसके और भी कुछ कारण होते हैं। अनुवांशिक तौर पर भी यह समस्या सामने आ सकती है। अगर महिलाओं की पिछली पीढ़ी में किसी को अतिरोमता थी, तो वह अनुवांशिक तौर पर महिला के साथ भी हो सकती है।
 
कई बार दवाईयों के सेवन से भी शरीर में एंड्रोजन की अधिकता हो जाती है, जो अतिरोमता के लिए जिम्मेदार होती है। जिम में, बॉडी बनाने के लिए व एथलीट द्वारा जिन दवाओं का सेवन किया जाता है, वे भी इसका कारण हो सकती हैं और कभी-कभी गर्भ निरोधक दवाओं का अत्यधिक सेवन भी अतिरोमता की समस्या पैदा करता है।
 
हार्मोन का बदलाव- रजोनिवृत्ति और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो अतिरोमता का कारण हो सकते हैं। इसके अलावा  एंडोक्राइन ग्रंथि, पिट्यूटरी ग्रंथि, थायरॉयड और अग्न्याशय प्रभावित होने से भी एंड्रोजन बढ़ जाता है जिससे अतिरोमता की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

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