हैप्पी हार्मोन की कमी से ये लक्षण आते हैं नजर, जानें कौन सा है ये हार्मोन

WD Feature Desk
सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (10:18 IST)
What are the symptoms of low dopamine: आज कल लोगों में फिजिकल से लेकर मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने के मामले में जागरूकता बढ़ी है। लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं के बारे में अब खुल कर बात करने लगे  हैं। बात जब मेंटल हेल्थ की होती है, तो डोपामाइन का नाम जरूर सुनने में आता है । मगर क्या आप जानते हैं कि डोपामाइन आखिर क्या होता है और इसकी कमी से शरीर पर कैसा असर हो सकता है? अगर नहीं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं सवाल के जवाब देंगे।

डोपामाइन क्या है?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, यानी यह एक रासायनिक संदेशवाहक है जो हमारे मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संचार को सक्षम बनाता है। यह मस्तिष्क के इनाम केंद्र से जुड़ा होता है और हमें खुशी, संतुष्टि और प्रेरणा का अनुभव कराता है। जब हम कोई ऐसा काम करते हैं जिससे हमें अच्छा लगता है, जैसे कि खाना खाना, खेलना या किसी लक्ष्य को प्राप्त करना, तो हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है।

डोपामाइन की कमी के लक्षण
डोपामाइन की कमी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
•          मूड स्विंग्स: डोपामाइन की कमी से अवसाद, चिंता और मूड में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
•          इच्छाशक्ति की कमी: आपको किसी भी काम में मन नहीं लगता और आप उदासीन महसूस करते हैं।
•          थकान: आपको लगातार थका हुआ महसूस होता है और आपको ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
•          याददाश्त की समस्या: डोपामाइन की कमी से याददाश्त कमजोर हो सकती है और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।
•          नींद की समस्या: आपको नींद न आना या नींद से जल्दी जागना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
•          खाने की आदतों में बदलाव: आपको मीठे या नमकीन खाने की अधिक इच्छा हो सकती है।

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डोपामाइन का स्तर कैसे बढ़ाएं?
•          स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
•          नियमित व्यायाम: व्यायाम डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ावा देता है।
•          पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लेने से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
•          तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान या अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियां करें।
•          सामाजिक गतिविधियां: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
•          नई चीजें सीखें: नई चीजें सीखने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है और डोपामाइन का उत्पादन होता है।

कब लें डॉक्टर की सलाह?
यदि आपको लगता है कि आपको डोपामाइन की कमी है तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उपचार का सुझाव देंगे।

डोपामाइन हमारे मूड, मोटिवेशन और इनाम प्रणाली को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डोपामाइन की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और डॉक्टर की सलाह लेते हुए डोपामाइन के स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
 

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