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Health Tips : क्या है निपाह वायरस? जानिए लक्षण और उपचार

हमें फॉलो करें Health Tips : क्या है निपाह वायरस? जानिए लक्षण और उपचार
कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर कई अनुमान अभी लगाए जा रहे हैं। कोविड में सबसे प्रमुख रूप से डेल्‍टा वेरिएंट साबित हुआ है। अगर डेल्‍टा वेरिएंट में म्यूटेशन होता है और उससे अधिक खतरनाक वेरिएंट आता है तो कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं केरल में 12 साल के युवक की निपाह वायरस से मौत हो गई। गौरतलब है कि साल 2018 में केरल में निपाह वायरस फैला था। युवक के शरीर से सैंपल को जांच के लिए राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान, पुणे भेजा गया था। रिपोर्ट में निपाह वायरस की पुष्टि हुई थी। आइए जानते हैं क्‍या है निपाह वायरस, लक्षण और बचाव के उपाय 
 
निपाह वायरस जानवरों से इंसान में फैलता है। यह वायरस चमगादड़ों और सूअर के माध्‍यम से भी इंसानों में फैलता है। निपाह वायरस से संक्रमित मरीज के संबंध में आए अन्‍य व्‍यक्ति को भी यह वायरस हो सकता है। उपलब्‍ध जानकारी के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ या सूअर के द्वारा खाने वाले फल से भी हो सकता है। अगर किसी मरीज की मौत निपाह वायरस से होती है तो परिवार के अन्‍य सदस्‍य को जांच जरूर कराना चाहिए। 
 
निपाह वायरस के लक्षण - 
 
- तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ होना।
- सांस नली में खतरनाक संक्रमण होना।
- मांसपेशियों में दर्द, उल्‍टी, अनिद्रा की समस्‍या, गले में कफ होना, थकान लगना।
- इंसेफेलाइटिस के लक्षण दिखाई देना। यानी दिमाग में सूजन आ जाना। यह बीमारी बच्‍चों में होती है।
-इनक्‍यूबेशन पीरियड 5 से 14 दिन और 45 दिन तक हो सकता है।
- निमोनिया भी हो सकता है।  
 
निपाह वायरस से बचाव के उपाय 
 
- साबुन से हाथ धोते रहे। 
- कच्‍चे खजूर के फल और उसके रस को पीने से बचें। 
- निपाह से संक्रमित व्‍यक्ति की मौत होने पर उसके संपर्क में आने से बचें। अंतिम संस्‍कार में जरूरी ए‍हतियात बरतें। 
- फल और सब्जियों को अच्‍छी तरह से धोकर खाएं। 
- जानवर की देखभाल करते वक्‍त सावधानी बरतें। हाथों में दस्‍ताने पहने और मुंह पर मास्‍क लगाकर रखें। 
- क्षेत्र में हो रहे सूअर से दूरी बनाकर रखें। 
- कटे हुए फल खरीदने और खाने दोनों से बचें। 
- मरीज के पास बिना मास्‍क के नहीं जाएं।  

निपाह वायरस की जांच 
 
- बीमारी को समझने की लिए RT-PCR टेस्‍ट करा सकते हैं। इसके अलावा PCR सीरम न्यूट्रलाइजेशन टेस्‍ट और एलाइजा टेस्‍ट के जरिए भी इस वायरस की पहचान की जा सकती है। गौरतलब है कि निपाह वायरस से साल 2018 में करीब 17 लोगों की जान चली गई थी। सबसे पहला मामला दक्षिण भारत केरल के कोझिकोड में दर्ज किया गया था। वर्तमान में इस वायरस की कोई वैक्‍सीन या प्रमुख रूप से कोई दवा उपलब्‍ध नहीं है। निपाह वायरस को डेडली वायरस भी कहा जाता है। 

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