25 अप्रैल: विश्व मलेरिया दिवस 2024 की थीम और इस रोग के बारे में जानें

विश्व मलेरिया दिवस 2024 के बारे में जानें

WD Feature Desk
बुधवार, 24 अप्रैल 2024 (14:59 IST)
World Malaria Day
 
HIGHLIGHTS
 
• मलेरिया रोग की साव‍धानियां।
• विश्व मलेरिया दिवस कब है 2024 में। 
• विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत कब हुई।
 
World Malaria Day: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य मलेरिया रोग के प्रति लोगों को जागरूक करके उनकी जान की रक्षा करना है। बता दें कि मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है।

प्रत्येक साल विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के विश्वव्यापी प्रयासों को मान्यता भी देना है। यह दिवस मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने, इस रोग के निवारण और नियंत्रण के लिए तय किया गया है। इसी कारण हर साल 'विश्व मलेरिया दिवस' लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 25 अप्रैल को मनाया जाता है। 
 
भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इस संबंध में शासन स्तर पर कई परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं। आपको बता दें कि विश्व स्तर पर कई बिलियन लोगों को मलेरिया का खतरा है।

सबसे पहली बार 'विश्व मलेरिया दिवस' 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक बीमारी को लेकर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। इस रोग में ध्यान देने योग्य बात यह हैं कि मच्छर काटने के 14 दिन बाद मलेरिया के लक्षण सामने आते हैं। प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक मादा एनोफिलीज मच्छर होते हैं जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक कीटाणु फैला देते हैं। 
 
दरअसल विकासशील देशों में भी मलेरिया कई मरीजों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवां देते हैं। मलेरिया के प्रमुख लक्षण यह हैं कि एक निश्चित अंतराल से रोज एक निश्चित समय पर मरीज को बुखार आता है अथवा ठंड देकर बुखार आना है। सिर दर्द होना तथा मितली के साथ उल्टी होना या नहीं भी होना और कंपकंपी के साथ ठंड लगने के दौरे प्रमुख हैं। इसके मरीज को कमर, हाथ-पैरों में दर्द, कमजोरी भी महसूस होती है। 
 
यदि किसी भी रोगी को ऊपर लिखे लक्षण सामने आ रहे हैं तो उसका इलाज योग्य चिकित्सक से कराना चाहिए। साथ ही इस रोग में कुनैन की गोली फायदा पहुंचाती है। इस रोग में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मामले में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है।

मलेरिया रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरदानी में सोना और घर के आसपास जमा पानी से छुटकारा पाना। इसके अलावा रुके हुए पानी में स्थानीय नगर निगम कर्मियों, मलेरिया विभाग द्वारा दवाई छिड़कवाना, गंबूशिया मछली के बच्चे छुड़वाना आदि उपाय भी जरूरी होते हैं। यह मछली मलेरिया के कीटाणु मानव शरीर तक पहुंचाने वाले मच्छरों के लार्वा पर पलती हैं। 
 
सावधानियां : अगर घर के आसपास पानी जमा है तो उसमें ऑइल डाल दें, जिससे वहां मच्छर नहीं पनपे। थोड़ा भी बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लें। मलेरिया रोगी को सूखे और गर्म स्थान पर आराम करने दें। कुनैन के कारण मरीज को मितली के साथ उल्टियां आ सकती हैं। अत: इस कारण रोगी को पानी की कमी होने से निर्जलन की शिकायत भी हो सकती है।

मलेरिया से बचने के लिए सबसे पहले यह सावधानी जरूरी हैं कि मच्छरों से बचा जाए। मलेरिया रोगी को जहां तक हो पूरी बांह के कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बंद कमरे में जितना हो सके मच्छर मारेन की क्वॉइल का प्रयोग न करें। घर में पानी को जमा न होने दें।
 
विश्व मलेरिया दिवस 2024 थीम जानें : World Malaria Day Theme 2024
 
WHO द्वारा इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस 2024 की थीम 'शून्य मलेरिया पहुंचाने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन' (Time to deliver zero malaria: invest, innovate, implement) तय की गई है। जिसका उद्देश्य दुनिया भर में मलेरिया रोग के प्रतिक्रियाओं में स्वास्थ्य समानता, लैंगिक समानता तथा मानवाधिकारों की बाधाओं को उजागर करके उन्हें दूर करने के लिए ठोस उपाय करना तथा मलेरिया के खिलाफ आपस में मिलकर लड़ाई लड़ना है। 
 
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