जानिए इबोला के लक्षण - अचानक बुखार आना, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और थकान। जितनी जल्दी संभव हो सके डॉक्टरों को सूचित करें। इबोला से संक्रमित मरीज के कपड़ों और इस्तेमाल होने वाले कपड़ों को भी जला देना चाहिए।
डॉक्टर्स और देश भर के विशेषज्ञों ने 5 प्रकार की सावधानियां बरतने का आग्रह किया है। 5 सरलतम सावधानियां अपनाकर इबोला नामक खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है-
1.
हाथों को रखें स्वच्छ अपने हाथों को हमेशा साबुन और पानी से साफ रखें। हाथों को सुखाने के लिए स्वच्छ तौलिए का इस्तेमाल करें। वायरस को मारने का यह सबसे प्रभावी तरीका है। हाथ धोने के लिए अच्छी कंपनी का हैंडवॉश इस्तेमाल करें।
2.
हाथ ना मिलाएं हाथ मिलाने से यथासंभव बचें क्योंकि यह वायरस शरीर के सीधे संपर्क से तेजी से फैलता है।
3.
स्पर्श से बचें अगर आपको किसी व्यक्ति पर इबोला से संक्रमित होने का संदेह है तो उन्हें स्पर्श न करें। यह वायरस पेशाब, मल, रक्त, उल्टी, पसीना, आंसू, शुक्राणु और योनि से होने वाले स्राव के संपर्क से फैलता है। अगर आपको लगता है कि किसी व्यक्ति की मौत इबोला वायरस की वजह से हुई है, तो उसके शरीर को छूने से बचें। किसी बीमार व्यक्ति की तुलना में मृत व्यक्ति से वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
4.
नॉनवेज से बचें बंदर, चिंपैंजी, चमगादड़ का मांस नहीं खाएं क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि मनुष्यों में इसका संक्रमण इन्हीं जानवरों के संपर्क में आने से हुआ। शिकार करने और जानवरों को छूने से बचें। यह सावधानी जरूर रखें कि मांस को ठीक से पकाया गया है।
5.
डॉक्टर के पास जाने में हिचके नहीं डॉक्टर से डरें नहीं, वे आपकी मदद करने के लिए हैं। अस्पताल किसी भी मरीज के लिए सबसे सही जगह है। यहां मरीज को पानी की कमी से बचाया जा सकता है और दर्द निवारक दवा भी दी जा सकती हैं।