इस मौसम में बचें 'सीओपीडी' से

Webdunia
FILE
सीओपीडी एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है। इसमें सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। यह सूजन निरंतर बढ़ती रहती है जिससे आगे चलकर फेफड़े छलनी हो जाते हैं। इसे एम्फायसेमा कहते हैं। यह बीमारी सांस में रुकावट से शुरू होती है और धीरे-धीरे सांस लेने में मुश्किल होने लगती है। यह मुख्य रूप से तब होती है जब दो मौसम आपस में मिल रहे होते हैं। या कहें कि जब मौसम परिवर्तित होता है तब इसकी संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।

सीओपीडी का मुख्य उपचार रिस्क फैक्टर को रोकना है। रिस्क फैक्टर जैसे चूल्हे का धुआं, धूल और प्रदूषण आदि से बचना जरूरी है।

सावधानियां

धूम्रपान तुरंत छोड़ दें।

अगर आपके घर में पेस्ट कंट्रोल या रंग का काम हो रहा है, तो इससे दूर रहें।

ज्यादा प्रदूषण में बाहर न निकलें।

किचन में उठने वाले धुएं और मसालों की गंध से दूर रहें। बत्ती वाले केरोसिन के स्टोव का उपयोग न करें।

पौष्टिक खाना खाइए। खाने में फल और सब्जियों के साथ प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं।

अगर खाना खाते समय सांस फूलने लगे, तो धीमे खाइए।

वजन ज्यादा है, तो उसे कम करने की कोशिश करें।

सांस वाले व्यायाम करें। खासतौर पर सीधे बैठकर नाक से सांस खींचकर मुंह से सीटी बजाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।

हल्का व्यायाम करें। प्रतिदिन 4 किमी पैदल जरूर चलें।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

घर की लाड़ली को दीजिए श अक्षर से शुरू होने वाले ये पारंपरिक नाम

Indian Street Food: घर पर कच्छी स्टाइल दाबेली कैसे बनाएं, जानें पूरी रेसिपी

गर्मियों में धूप में निकलने से पहले बैग में रखें ये चीजें, लू और सन टेन से होगा बचाव

लू लगने पर ये फल खाने से रिकवरी होती है फास्ट, मिलती है राहत

सभी देखें

नवीनतम

गर्मियों में लगाएं ये 5-10 रूपये में मिलने वाली चीज, एड़ियां बनेगीं फूलों सी मुलायम

युद्ध के संबंध में क्या कहती है चाणक्य नीति?

पहलगाम हमले से सन्न देश

पहलगाम हमले पर प्रवासी कविता : निःशब्द

World Malaria Day: विश्व मलेरिया दिवस, जानें महत्व, इतिहास, लक्षण, कारण, उपचार और 2025 की थीम