* जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे लेकिन मूल मंत्र यह है कि अपने आपको परेशान मत करो।
* खुश रहने का एक मंत्र यह है कि जो पसंद है उसे हासिल कर लों या फिर जो हासिल है उसे पसंद करने लग जाओ।
* किसी बात पर अपना दिमाग खराब न करें। कोई घटना हो गई हो तो उस पर दिमागी मंथन न करें, सदा प्रसन्नचित्त रहने का प्रयास करें।
* जब आप घर में हों तो बच्चों के साथ खूब मस्ती करें, उछल-कूद करें, यह क्रिया आपको एनर्जी देगी और मन प्रफुल्लित रखेगी। वैसे भी बच्चों के साथ सारे टेंशन दूर हो जाते हैं।
* हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी संस्था से जुड़ा होता है, आप भी किसी खेल संस्था से जुड़ें या किसी सामाजिक संस्था से जुड़ें और उसके लिए अपना समय निकाले, फिर देखें आपका समय कैसे बीतता है।
* अध्यात्म और धर्म के लिए भी कुछ समय निकालें, इससे मन प्रफुल्लित रहता है। कुछ समय अपने स्वयं के लिए भी निकालें, यानी अपनी पसंद का कोई काम करें, एकांत में ध्यान करें।
* सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कभी भी पंद्रह मिनट का समय निकालकर गहरी-गहरी साँस लें, यह आपके फेफड़े और शरीर को ऊर्जा प्रदान करेगी। इस साधना के अन्य बहुत से फायदे हैं।
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* परेशानियाँ और उलझनों के बारे में जितना सोचते हैं, वे उतना ही परेशान करती हैं और दिमागी रूप से मानव को कमजोर कर देती हैं। खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें।
* अपने गुस्से पर काबू रखें, गुस्सा मनुष्य को खा जाता है, व्यक्तित्व का नाश करता है और समाज में नीचा दिखाता है। जब आपको किसी बात पर गुस्सा आए तो अपने को किसी अन्य काम में व्यस्त कर लें, कमरे से बाहर निकल जाएँ, संबंधित विषय से हट जाएँ, कई तरीके हैं गुस्से पर काबू पाने के। जब आप गुस्से पर काबू पा जाएँगे तो आपका व्यक्तित्व निखर आएगा।
* हर बात को दिल पर लेने के बजाय 'जाने भी दो यारों' का मंत्र अपनाएँ और जीवन में ताजगी से खिल जाए।