जान ले सकते हैं एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स

कमजोर दिल वाले ना करें साथी के साथ धोखा

Webdunia
शुक्रवार, 8 जुलाई 2011 (12:24 IST)
सुबोध जैन

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कहते हैं इंसान को हमेशा दिल की आवाज सुननी चाहिए क्योंकि दिल कभी झूठ नहीं बोलता। लेकिन जब दिल कमजोर हो जाए तो उसकी आवाज इंसान की जान तक ले सकती है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि कमजोर दिल की आवाज सुनने के बजाय इंसान को दिमाग से मिलने वाले संकेतों को सुनना चाहिए।

दिल की आवाज भी सुन, मेरे फसाने पे न जा।
मेरी नजरों की तरफ देख, जमाने पे न जा।

एक सदाबहार गाने के ये बोल अब आपके काम के नहीं रहे, मेडीकल साइंस कहती है कि दिल की आवाज नहीं सुननी चाहिए क्योंकि यह आवाज आपकी जान की दुश्मन भी बन सकती है! खासतौर पर उस समय जब आप दिल के मरीज हों और किसी हसीना पर आपका दिल आ जाए। और वह हसीना भी आपके इश्क में आहें भरनी शुरू कर दे तो समझो आपका दिल आपकी ही जान का दुश्मन बन सकता है।

कहते हैं दिल कभी झूठ नहीं बोलता। कुछ भी करने से पहले दिल की बात जरूर सुन लेनी चाहिए लेकिन दिल के सामने मजबूर यानी दिल के रोगियों का दिल की आवाज सुनना खतरनाक हो सकता है। मामला विवाहेतर संबंधों का हो तो खतरा और भी बढ़ जाता है क्योंकि ये संबंध आकर्षण के कारण बनते हैं। आकर्षण इंसान की उत्तेजना को इस हद तक बढ़ा देता है कि धड़कन चरम पर पहुंच जाती है। इतनी बढ़ जाती है कि हृदयगति रुकने का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

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डॉ. विजय त्रेहन कहते हैं कि एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स निश्चित रूप से दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है। कई मेडीकल स्टडीज में भी यह बात साबित हो चुकी है। दरअसल, इंसान का स्वभाव है कि जब भी वह कोई ऐसा काम करता है जो उस समय की सामाजिक और नैतिक मान्यताओं के खिलाफ होता है तो शरीर का नर्वस सिस्टम उसके दिमाग के माध्यम से उसे ऐसा करने से रोकता है। शरीर में एक अजीब अहसास बार-बार कहता है, कि ऐसा करना ठीक नहीं है।

लेकिन आकर्षण और सेक्स की चाहत में इंसान दिमाग नहीं, दिल की बात सुनता है और जिसका दिल साथ न दे रहा हो तो हालात बिगड़ जाते हैं। शरीर को सामान्य करने वाला ऑटोनोमिक सिस्टम बिखरना शुरू हो जाता है। शरीर को सामान्य करने वाली प्रक्रिया बाधित हो जाती है। इसका सबसे बुरा असर दिल पर पड़ता है। ऐसे में दिल के मरीजों की जान जाने का खतरा निश्चित ही बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

डॉ. दीपक नटराजन दिल के मरीजों के लिए विवाहेतर संबंधों को खतरनाक बताते हैं। वह कहते हैं कि अकसर देखने को मिलता है कि एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स के दौरान इंसान सेक्स पावर बढ़ाने की दवाइयां भी इस्तेमाल करता है और यह कदम उसे मौत की ओर ले जाता है क्योंकि इस दौरान उसकी हार्ट बीट और ब्लड सर्कुलेशन बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।

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दिल के मरीजों के लिए यह दोनों ही चीजें जानलेवा हो सकती हैं लेकिन दिल के हाथों मजबूर लोग हैं कि अपने भीतर से निकलने वाली आवाज को अनसुना कर रहे हैं।

नजरें मिलने के साथ ही दिल से निकलने वाली 'आह' मस्तिष्क के संकेतों पर लगातार हावी हो रही है। केवल आकर्षण के कारण लोग अपनी जान दांव पर लगाने से बाज नहीं आते। उन्हें सरोकार होता है तो महज नजरों को आकर्षक लगने वाले उस चेहरे से जो उनके दिल और दिमाग दोनों को घायल कर देता है।

लेकिन सामाजिक मान्यताएं ही नहीं, मेडिकल साइंस भी लगातार इशारा कर रही है कि विवाहेतर संबंध खतरनाक हो सकते हैं। कम से कम उन लोगों के लिए तो जरूर जो अपने साथी को धोखा देते समय अपनी कमजोरी को ही नजरअंदाज कर रहे हैं।

दिल के हाथ मजबूर हैं तो विवाहेतर संबंध ले लेंगे जान
मेडिकल स्टडीज कहती हैं नर्वस सिस्टम रोकता है इंसान को
पर-आकर्षण और सेक्स की चाहत ले लेती है जान

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