क्या करें :- इसके लिए जीवनशैली में कई बदलाव करना होते हैं। इससे मुरझा चुकी त्वचा में नई रंगत लौट आती है। नए साल की शुरुआत क्रैश डाइट से न करें। अक्सर देखा गया है कि पिछले दो हफ्तों की पार्टियों और उनमें हुई लापरवाही के अपराधबोध के कारण आप सीधे क्रैश डाइट पर आ जाते हैं। यह गलत है, इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। संतुलित आहार और उचित कसरत ही इसका एकमात्र उपाए है।
1. खूब पानी पीते रहें। इससे शरीर में एकत्र अल्कोहोल निकलने में मदद मिलेगी। कम से कम 10-12 गिलास पानी रोज पीएं।
2. नमकीन आहार लेने से परहेज करें। इनमें पोसेस्ड फूड तथा रेडीमेड सूप्स भी शामिल हैं। चाइनीज फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है जिससे शरीर को परेशानी हो सकती है।
3. अधिक से अधिक मात्रा में ताजे फल और सब्जियां खाएं। पालक, गाजर, खीरा ककड़ी, ल्येट्यूस, पत्तागोभी, ब्रोकोली, टमाटर तथा मूली पर अधिक जोर दें।
4. चाय, कॉफी से परहेज करें और ग्रीन टी या हर्बल टी पर ध्यान केंद्रित करें। अधिक से अधिक सब्जियों का सूप पिएं। इसमें अलग-अलग सब्जियों का सूप पिएं ताकि मोनोटोनस न लगे।
5. एक ही बार में पेट भरने की कोशिश न करें। भोजन हल्का और टुकड़ों में करें। शाम को 7 बजे के बाद भोजन न करें।
6. भोजन में अधिक से अधिक रेशे शामिल करें ताकि कब्ज न रहे। रात को सोने से पहले इसबगोल की भूसी पानी के साथ ले सकते हैं। दिन की शुरुआत ओट्स के नाश्ते से कर सकते हैं।
7. फोलिक एसिड, विटामिन-बी, कैल्शियम, विटामिन सी, और डी तथा बी-12 की मात्रा शरीर में बनाए रखें। सभी विटामिन्स और मिनरल्स की प्रतिदिन की खुराक तय है। इसकी आपूर्ति लगातार करते रहना पड़ती है।
8. लगातार पार्टियों के बाद पेट खराब रहने लगा हो तो ग्लूटामिन, अलोविरा का ज्यूस, लिकोराइस तथा जिंक की खुराक लें।
9. अत्यधिक डिटॉक्स भी न करें क्योंकि इसके विपरीत परिणाम भी हो सकते हैं। इससे आंतों में मौजूद गुड बैक्टेरिया भी मर सकता हैं। दही, छांछ के अलावा लैक्टोबैसिलियस को भी डिटॉक्स करने की प्रक्रिया का हिस्सा बनाएं।
10. जनवरी के इस पखवाड़े में लगभग सभी तरह के रसीले फल बाजार में आ जाते हैं। मसलन नियमित रूप से तरबूज, खीरा ककड़ी, संतरा, अंगूर तथा सेवफल का रस ले सकते हैं। छांछ भी एक बेहतर विकल्प है। सब्जियों का ताजा रस भी स्वास्थवर्धक होता है। नींबू, अदरक, शलगम तथा बीटरूट का रस भी डिटॉक्स करने में मदद करता है।
कसरत करें :- डिटॉक्स करने की पहल एक्सरसाइज से शुरू होती है। यदि आप केवल आहारशैली में ही परिवर्तन करके विषैले पदार्थों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह कोशिश असफल भी हो सकती है। इसके साथ कसरतों को शामिल करना ही होगा।
मॉर्निंग वॉक, योगा, जॉगिंग, स्किपिंग, डांसिंग और स्वीमिंग ऐसी कसरतें हैं जो आपका खोया हुआ दमखम लौटा सकती हैं। इन कसरतों से शरीर का तापमान बढ़ेगा। इसकी वजह से शरीर से पसीना निकलेगा, साथ ही विषैलै पदार्थ भी निकल जाएंगे। लंबी सांस लेने की वजह से रक्त में प्राणवायु की मात्रा बढ़ जाएगी जो रक्त शुद्धि में सहायक होगी।
बॉडी मसाज :- बॉडी मसाज से न सिर्फ थके हुए शरीर को आराम मिलेगा बल्कि रक्त प्रवाह भी तेज होगा। इसके साथ ही लस पदार्थ (लिंफाटिक सर्क्युलेशन) का प्रवाह भी ठीक से होने लगेगा। डेस्क जॉब करने वालों को पीठ, गरदन, बाजू, कंधे और पैरों की मालिश से बहुत आराम मिलता है। मालिश के बाद सीधे गर्म पानी से नहाएं।
त्वचा की देखभाल :- त्वचा को चिरकाल तक युवा बनाए रखने के लिए डिटॉक्स करना बहुत जरूरी है। इससे आंखों के इर्दगिर्द काले घेरों से मुक्ति मिलती है।
1. चेहरा धोने के लिए किसी साबुन की बजाए क्लींजर का उपयोग करें। घर के अंदर अथवा बाहर रहते हुए भी सनस्क्रीन का प्रयोग करें। सनस्क्रीन का मतलब सिर्फ धूप से ही सुरक्षा प्रदान करना नहीं है।
2. चाहे कितने भी थके हुए क्यों न हों लेकिन मेकअप उतार कर ही सोएं।
3. तले हुए तैलयुक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
4. चेहरे पर उग आए अनचाहे बालों से मुक्ति पाएं। सिर के बालों को किसी स्टैंडर्ड शैंम्पू से ही साफ करें।
5. चेहरे की झुलसी हुई त्वचा को ठीक करने के लिए पपीते का पल्प छिलका समते आधे घंटे रगड़ें।