4 फरवरी : विश्व कैंसर दिवस

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हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूं.....यह थीम  है, वर्ष 2016 में मनाए जाने वाले विश्व कैंसर दिवस की। 
कैंसर, वर्तमान में तेजी से पैर पसारने वाली बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग में अलग-अलग रूपों में फैल सकती है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण पूरे विश्व में मौत का ग्रास बनने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
 
विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि आने वाले समय में इसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बढ़े और कई जिंदगि‍यों को इससे बचाया जा सके।
 
विश्व कैंसर दिवस को भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है और कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए विभि‍न्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन मुख्य रूप से विभि‍न्न स्वास्थ्य संगठनों और सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है ताकि आम जन तक कैंसर से जुड़ी जान‍कारी पहुंचाकर उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सके। इन कार्यक्रमों में स्वास्थ्य एवं जागरूकता कैंप लगाना, रैली, नुक्कड़ नाटक, सेमिनार आदि का आयोजन शामिल है।
 
कैंसर जैसी बीमारी से बचने का सबसे सही उपाय है, सावधानी और सतर्कता। कैंसर से बचने के लिए इसके विभि‍न्न कारणों और लक्षणों के बारे में जनकारी रखना बेहद आवश्यक है। वर्तमान समय तक कैंसर कई रूपों में पैर पसार चुका है, जिनमें स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, ब्लड कैंसर, पेट का कैंसर शामिल है।
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