Abhishek Bachchan Dyslexia: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता अभिषेक बच्चन हाल ही में अपनी नई फिल्म I want to talk में अपने शानदार अभिनय के कारण चर्चा में हैं। जिसने भी यह फिल्म देखी वह उनके अभिनय की तारीफ करते नहीं थक रहा। लेकिन क्या आप जानते हैं अभिनेता अभिषेक बच्चन बचपन में एक बीमारी से पीड़ित थे । बचपन में इस बीमारी के कारण पढ़-लिख और ठीक से बोल नहीं पाते थे अभिषेक बच्चन। इस बीमारी का नाम है डिस्लेक्सिया।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अभिषेक बच्चन भी बचपन में डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे। उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया है कि उन्हें 9 साल की उम्र में डिस्लेक्सिया का पता चला था। इस बीमारी के कारण उन्हें पढ़ने, लिखने और बोलने में काफी दिक्कत होती थी। इस आलेख में हम आपको बताते हैं उन्होंने कैसे इस बीमारी को मात दी और एक सफल करियर बनाया।
क्या होता है डिस्लेक्सिया
डिस्लेक्सिया एक तरह का लर्निंग डिज़ऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को पढ़ने, लिखने और भाषा को समझने में कठिनाई होती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जो बच्चों के दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करती है जो भाषा को संसाधित करता है। डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे अक्सर अक्षरों को उलट-पलट कर पढ़ते हैं, शब्दों को पहचानने में मुश्किल होती है और ध्वनियों को जोड़ने में परेशानी होती है।
डिस्लेक्सिया ने कैसे प्रभावित किया अभिषेक बच्चन को?
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शिक्षा में मुश्किलें: डिस्लेक्सिया के कारण अभिषेक बच्चन को स्कूल में पढ़ाई में काफी मुश्किलें आईं।
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आत्मविश्वास में कमी: इस बीमारी के कारण उनका आत्मविश्वास भी कम हो गया था।
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सामाजिक जीवन प्रभावित: डिस्लेक्सिया के कारण वे अपने दोस्तों के साथ भी खुलकर बात नहीं कर पाते थे।
अभिषेक बच्चन ने कैसे की इस बीमारी पर जीत?
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सकारात्मक दृष्टिकोण: अभिषेक बच्चन ने कभी हार नहीं मानी और एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा।
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अतिरिक्त मदद ली: उन्होंने डिस्लेक्सिया से निपटने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली।
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कड़ी मेहनत: उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम किया और कड़ी मेहनत से पढ़ाई की।
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डिस्लेक्सिया के लक्षण
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अक्षरों को उलट-पलट कर पढ़ना
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शब्दों को पहचानने में मुश्किल
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ध्वनियों को जोड़ने में परेशानी
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पढ़ते समय शब्दों को छोड़ देना
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लिखते समय अक्षरों को गलत क्रम में लिखना
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पढ़ने में धीमी गति
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पढ़ने में समझने में कठिनाई
डिस्लेक्सिया का इलाज
डिस्लेक्सिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करके इसे मैनेज किया जा सकता है। अगर आप या आपके कोई परिजन डिस्लेक्सिया से पीड़ित हैं तो निराश न हों। डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को विशेष शिक्षा और थेरेपी की जरूरत होती है।
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