क्या होती है Angioplasty जो हाल ही में सौरव गांगुली को दी गई

Webdunia
रविवार, 3 जनवरी 2021 (13:17 IST)
बीसीसीआई अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली  की शनिवार को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट की मानें तो सुबह वर्कआउट सेशन के बाद गांगुली के सीने में अचानक दर्द उठा और उन्हें चक्कर आने लगे। इसके बाद परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल में एडमिट कराया।

अस्पताल में 48 साल के गांगुली की एंजियोप्लास्टी की गई, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है। ऐसे में जानना जरूरी है कि एंजियोप्लास्टी क्या होती है।

दरअसल, एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है। मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं। डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी ही करते हैं।

इस प्रक्रिया को पर्क्यूटेनियस ट्रांस्लुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है। कई मामलों में डॉक्टर एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी आर्टरी स्टेंट भी रक्त वाहिकाओं में डालते हैं। ये स्टेंट नसों में रक्त प्रवाह को फिर से दुरुस्त करने का काम करता है। दिल का दौरा पड़ने के बाद एक से दो घंटे के भीतर मरीज की एंजियोप्लास्टी हो जानी चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक घंटे के भीतर मरीज को एंजियोप्लास्टी मिलने से मौत का जोखिम कम हो सकता है। इसे जितना जल्दी किया जाए, मरीज के हार्ट फेलियर का खतरा उतना कम होता है। एंजियोप्लास्टी तीन प्रकार की होती है। बैलून एंजियोप्लास्टी, लेजर एंजियोप्लास्टी और एथरेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी।

बैलून एंजियोप्लास्टी के दौरान कैथेटर नाम की एक पतली सी ट्यूब को बांह या जांघ के पास हल्का सा चीरा लगाकर उसे ब्लॉक हो चुकी धमनी में डाला जाता है। डॉक्टर एक्स-रे या वीडियो की मदद से वाहिकाओं में जाने वाली ट्यूब को मॉनिटर करते हैं। कैथेटर के धमनी में पहुंचने के बाद उसे फुलाया जाता है। ये बैलून प्लाक को दबाकर चपटा कर देता है, जिससे धमनी चौड़ी हो जोती है और मरीज का ब्लड सर्कुलेशन फिर से ठीक हो जाता है।

लेजर एंजियोप्लास्टी में भी कैथेटर का प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसमें बैलून की जगह लेजर की मदद ली जाती है। इसमें लेजर को प्लाक तक लेकर जाते हैं और फिर बंद पड़ी धमनी को वेपराइज कर खोलने की कोशिश की जाती है। जबकि एथरेक्टॉमी का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है, जब बैलून या लेजर एंजियोप्लास्टी से भी किसी सख्त प्लाक को न हटाया जा सके।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

वेजाइना की इचिंग से हैं परेशान, इन 3 उपायों से मिनटों में पाएं आराम

ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

सर्दियों में कपड़ों पर लग जाते हैं रोएं? तो जानिए कपड़ों से लिंट हटाने के ये 7 आसान और असरदार तरीके

सिद्धू की पत्नी के कैंसर के देसी इलाज के दावे को लेकर टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों से की अपील

Health Alert : जानिए ये 10 कार्ब्स जो सेहत को नुकसान नहीं, फायदा पहुंचाते हैं

अगला लेख