10 साल पहले पता चलेगी, दिल की बीमारी...

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लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका ईजाद किया है जिससे किसी के खून के जरिए उस व्यक्ति को 10 साल बाद होने वाली दिल की बीमारी का पूर्वानुमान किया जा सकता है। यह ऐसा तरीका है, जो इस बीमारी का पूर्वानुमान जताने वाले पारंपरिक तरीकों से कहीं अधिक सटीक है।
जब कोई अपने डॉक्टर के पास जाता है, तब वह दिल की बीमारी के खतरे को जानने के लिए कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लिए अपने खून की जांच करा सकता है।
 
नॉरवेगियन यूनीवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), धूम्रपान की आदतों और रक्तचाप के बारे में अतिरिक्त जानकारी के साथ इसका इस्तेमाल अगले 10 साल में दिल की बीमारी से जुड़े पूर्वानुमान को जानने के लिए किया जा सकता है।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि आज कई ऐसे पूर्वानुमान गणक मौजूद हैं, जो इसके खतरों के बारे में बता सकते हैं। हालांकि खतरा पूर्वानुमान गणकों का इस्तेमाल प्रतिदिन के स्वास्थ्य देखभाल में अस्वीकार किया गया है, क्योंकि वर्तमान में मौजूद गणक केवल घटना के मामूली अनुपात को ही बता सकते हैं।
 
एनटीएनयू से एंजा बाय ने बताया कि हमारा अध्ययन यह दिखाता है कि 5 अलग-अलग सूक्ष्म आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) के संयोजन को मापने और इस जानकारी को दिल की बीमारी से जुड़े पारंपरिक खतरों में जोड़ने से हम उन बातों का भी पता लगा सकते हैं जिससे हृदयाघात के बारे में पहले से सटीक पूर्वानुमान की पहचान की जा सकती है। 
 
यह अनुसंधान ‘मॉलेक्यूलर एंड सेलुलर कार्डियोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। (भाषा)
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