Silent heart attack: डेस्क जॉब करने वालों में क्यों बढ़ रहा है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा? जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

WD Feature Desk
गुरुवार, 4 सितम्बर 2025 (16:31 IST)
Silent heart attack: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में डेस्क जॉब एक आम बात है, जहां लोग घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह आदत धीरे-धीरे आपके दिल के लिए एक बड़ा खतरा बन रही है? बिना किसी चेतावनी के आने वाले साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा उन लोगों में तेजी से बढ़ रहा है, जिनकी जीवनशैली निष्क्रिय है। Sitting is the new smoking मतलब लम्बे समय तक बैठना धूम्रपान की  तरह ही खतरनाक है। आइए जानते हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक क्या है, क्यों खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्या है साइलेंट हार्ट अटैक?
साइलेंट हार्ट अटैक, जिसे साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्क्शन भी कहते हैं, एक ऐसा दिल का दौरा है जिसमें सीने में दर्द, सांस फूलना या पसीना आना जैसे सामान्य लक्षण नहीं होते। इसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोग अक्सर इसे गैस, थकान, या सामान्य बेचैनी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसमें दिल को नुकसान पहुंचता है, लेकिन मरीज को पता ही नहीं चलता कि उसे हार्ट अटैक हो चुका है।

लंबे समय तक बैठने से क्या पड़ता है दिल पर असर?
लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने से हमारे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। इससे दिल तक खून और ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं पहुंच पाते, जिससे धमनियों में प्लाक (fatty deposits) जमा होने लगता है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इसके अलावा, लंबे समय तक बैठने से मोटापा, हाई बीपी, और डायबिटीज जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जो हार्ट अटैक के प्रमुख कारण हैं। शोध बताते हैं कि जो लोग दिन में 8 घंटे से ज्यादा बिना हिले-डुले बैठते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।

क्यों ज्यादा खतरनाक है साइलेंट हार्ट अटैक?
साइलेंट हार्ट अटैक इसलिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसके लक्षणों को पहचाना नहीं जा पाता, जिससे तुरंत इलाज नहीं मिल पाता। अगर इसका पता नहीं चलता है, तो यह दिल को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे भविष्य में हार्ट फेल्योर या दूसरा और अधिक जानलेवा हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।

किसे होता है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा?
इसका खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो:
• लंबे समय तक डेस्क जॉब करते हैं
• मोटापा या पेट की चर्बी वाले लोग
• हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज
• धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले
• ज्यादा तनाव और नींद की कमी झेलने वाले

बचाव के उपाय
साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी है:
नियमित ब्रेक लें: हर एक घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें और थोड़ा टहलें।
व्यायाम करें: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे ब्रिस्क वॉक या योग करें।
स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर आहार लें। तले हुए और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) या हॉबी का सहारा लें।
नियमित जांच: अगर आप जोखिम वाले समूह में हैं, तो नियमित रूप से अपने डॉक्टर से जांच कराएं।
साइलेंट हार्ट अटैक एक छिपी हुई चुनौती है, लेकिन सही जानकारी और जीवनशैली में बदलाव से इससे बचा जा सकता है। अपने दिल का ख्याल रखें और अपनी सेहत को अपनी प्राथमिकता बनाएं।
ALSO READ: Monsoon health tips: सावधान! बारिश में बीमारियों के खतरे से कैसे बचाएं खुद को, ये लक्षण दिखें तो ना करें नजरअंदाज

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

देश में हर तीसरी मौत के पीछे हार्ट अटैक, रिपोर्ट में सामने आई डरावनी तस्वीर, क्‍या कहा डॉक्‍टरों ने?

Monsoon health tips: सावधान! बारिश में बीमारियों के खतरे से कैसे बचाएं खुद को, ये लक्षण दिखें तो ना करें नजरअंदाज

Hindi Diwas 2025: हिंदी भाषा का गुणगान करती इस कविता को सुनाकर खूब मिलेगी तारीफ

Hindi Diwas 2025: हिंदी दिवस पर शानदार निबंध, प्रतियोगिता में प्रथम आने के लिए ऐसे करें लिखने की तैयारी

Hindi diwas 2025: हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने के लिए ऐसे करें की तैयारी

सभी देखें

नवीनतम

स्त्री और पुरुष दोनों ही संपूर्ण मनुष्य हैं!

लॉन्ग लाइफ और हेल्दी हार्ट के लिए रोज खाएं ये ड्राई फ्रूट, मिलेगा जबरदस्त फायदा

हिन्दी दिवस पर बाल गीत : हिन्दी ऊपर लाना है

दुनिया में मची उथल-पुथल बन सकती है भारत के लिए अवसर

11 सितंबर 1893 शिकागो भाषण पर विशेष: भारत के संत का दिग्विजय

अगला लेख