आमतौर पर टेस्टोरॉन हार्मोन का संबंध पुरुषों की सेक्स इच्छा से संबंधित है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि इस हार्मोन का स्प्रे मेनोपोज के बाद वाली महिलाओं पर किया जाए तो उनमें डिमेंशिया जैसी भूलने की बीमारी नहीं होगी। मोनशाह विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि 45 से 60 आयुवर्ग वाली महिलाओं पर किए गए अध्ययन में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
इन महिलाओं की त्वचा पर छह महीने तक टेस्टोरॉन हार्मोन का स्प्रे किया गया। इसके बाद इन महिलाओं के ब्रेन का एमआरआई किया गया जिसमें न सिर्फ महत्वपूर्ण बदलाव हुआ बल्कि छह महीने के बाद इन महिलाओं की दिमागी शक्ति भी बढ़ गई। यह शोध नोर्थ अमेरिकन मेनोपोज सोसाइटी के सालाना समारोह में पेश किया जाएगा। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि टेस्टोरॉन हार्मोन के स्प्रे से दिमाग की क्रियाशीलता भी बढ़ गई।
मेनोपोज के बाद पुरुषों की तुलना में डिमेंशिया और भूलने की बीमारी दोगुना होती है लेकिन ऐसा क्यों होता है यह अभी तक ज्ञात नहीं है। हालाँकि इस समय महिलाओं में टेस्टोरॉन हार्मोन का स्तर बेहद कम हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि पुरुषों में यह बीमारी आमतौर पर 65 साल के बाद आती है लेकिन महिलाओं में यह बीमारी पहले ही आ जाती है।