बढ़ती उम्र का आहार

Webdunia
संगीता माल ू
WDWD
वृद्धावस्था में आहार के प्रति अनुराग भले ही कम हो जाए, लेकिन उसकी जरूरत हमेशा बनी रहती है। हर उम्र में उचित पोषण स्वस्थ रहने की कुँजी है। चयापचय क्रिया में कमी आने के कारण पोषक तत्वों की जरूरत पहले की अपेक्षा कहीं बढ़ जाती है।

उम्र के अनुसार ही व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक विकास होता है जैसे बाल्यावस्था में शारीरिक व मानसिक वृद्धि की गति बहुत तेज होती है। फलस्वरूप इस अवस्था में सभी पोषक तत्वों की अति आवश्यकता होती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद व्यक्ति की चयापचय क्रिया में धीरे-धीरे कमी होने के कारण कुछ पोषक तत्वों की शरीर में कम मात्रा में आवश्यकता होती है।

कैलोरी

बढ़ती उम्र में कम कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इस अवस्था में शारीरिक कार्य में कमी होने लगती है। अतः मिठाई, शकर, गुड़, तले हुए खाद्य पदार्थ का कम सेवन करना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ व तंदुरुस्त रहे।

प्रोटीन

प्रोटीन का कार्य शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करना है। इस उम्र में 40 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन की आवश्यकता होती है, जो कि आहार में दालों, दूध, अंडे का समावेश करने से पूर्ण हो सकती है।

वसा

WDWD
20 से 25 ग्राम (3 से 4 चाय के चम्मच) तेल या घी का आहार में समावेश करने पर वसा की पूर्ति हो सकती है। अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थ जैसे तले हुए समोसे, कचोरी, घी वाली मिठाइयाँ, मेवा, मक्खन आदि बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ-साथ पाचनक्षमता में भी कमी आने के कारण वसा पर्याप्त रूप से पाचित नहीं हो पाता।

कैल्शियम

इस उम्र में कैल्शियम 100 मिलीग्राम प्रतिदिन लेना चाहिए, ताकि जोड़ों का दर्द, फ्रेक्चर, घुटनों का दर्द आदि से बचा जा सके। कैल्शियम की प्रचुर मात्रा, दूध, सोयाबीन, दाल, पनीर, दही आदि में उपलब्ध रहती है। एक ग्लास मलाईरहित दूध प्रतिदिन लेना चाहिए।

आयरन

आयरन की पूर्ति आहार में गुड़, गन्नो का रस, पोहा, हरी सब्जियों को सम्मिलित करके पूरी की जा सकती है। अगर व्यक्ति उपरोक्त आहार न ले पाए तो उसे मल्टी विटामिन की 1 गोली नियमित रूप से लेना चाहिए, ताकि शरीर को आवश्यक विटामिन व मिनरल की पूर्ति की जा सके।

पानी

तरल पदार्थ कम से कम 10-12 ग्लास प्रतिदिन लेना चाहिए, ताकि अपशिष्ट पदार्थ मूत्र द्वारा बाहर निकल सकें।

फाइबर

फाइबर को आहार में आवश्यक रूप से सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि रेशा कब्जियत को दूर करता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक है। छिलके वाली दालें, चौकर रहित आटा, सलाद आदि का आहार में समावेश करके पूर्ति की जा सकती है।

आहार संबंधी ध्यान रखने योग्य बातें

1. फास्ट फूड का कम उपयोग करें।

2. रात को भोजन हल्का होना चाहिए।

3. मिर्च-मसाला कम।

4. पानी 10-12 ग्लास प्रतिदिन लें।

5. नमक कम मात्रा में उपयोग करें।

6. सुबह-शाम घूमना, व्यायाम करना।
Show comments

ये 10 फूड्स खाकर बढ़ जाता है आपका स्ट्रेस, भूलकर भी ना करें इन्हें खाने की गलती

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

विश्व जनसंख्या दिवस 2025: जानिए इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम

वर्ल्ड पॉपुलेशन डे पर पढ़ें जनसंख्या के प्रति जागरूकता के लिए 25 प्रेरक नारे, कोट्स और अनमोल वचन

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स

इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम