माखनलाल चतुर्वेदी: प्रखर पत्रकार, कुशल लेखक

प्रस्तुति : आसिफ अंसारी

Webdunia
माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल सन् 1889 में मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले की बाबई नामक तहसील में हुआ था। चतुर्वेदी जी एक लोकप्रिय कवि, एक दिग्गज पत्रकार और हिंदी के कुशल लेखक थे।

उन्होंने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खि‍लाफ अपनी आवाज़ को बुलंद किया और युवाओं से देश की स्वतंत्रता के लिए मर-मिटने का आह्वान किया। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेते हुए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उनकी रचनाओं में सशक्त भावनाओं को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

ओजपूर्ण व वीर रस की कृतियों के अतिरिक्त अपने लेखन में उन्होंने प्रकृति प्रेम की भावनाओं को भी स्थान दिया। उनकी प्रमुख काव्य रचनाओं में ‘हिम तरंगिणी’, ‘हिम किरीटनी’, ‘समर्पण’, ‘माता’, ‘मरण ज्वार’ आदि प्रमुख हैं एवं उनकी गद्य रचनाओं में ‘अमीर इरादे - गरीब इरादे’, ‘साहित्य के देवता’, ‘समय के पांव’ और ‘कृर्ष्णाजुन युद्ध’ आदि प्रसिद्ध हैं।

‘पुष्प की अभि‍लाषा’ उनकी सर्वाधि‍क चर्चित कविता रही और इसके लिए उन्हें सागर विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा अपने काव्य संग्रह ‘हिम तरंगि‍णी’ के लिए उन्हें सन् 1955 में ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
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