हिन्दी फॉर हार्ट : अक्षर-अक्षर गुलजार सृजन

हिन्दी प्रेमियों के लिए गुलजार की अनूठी सौगात

स्मृति आदित्य
मीठी-मधुरतम हिन्दी को इतने मोहक अंदाज में सिर्फ और सिर्फ गुलजार ही पेश कर सकते हैं। 'हिन्दी फॉर हार्ट' इस नाम से गुलजार ने एक बेहद प्यारी नन्ही सी 'प्राइमर' प्रस्तुत की है। यह हिन्दी के अक्षर-संसार का ऐसा गुलजार-सृजन है जिसे हर कोई चाव से पढ़ना चाहेगा यहां तक कि वे बच्चे जो हिन्दी के नाम से घबराते हैं, खुशी-खुशी अपनाना चाहेंगे।

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पुस्त क मे ं गुलजार की चिरपरिचित त्रिवेणियां ( triplet) देवनागर ी वर्णमाला के माध्यम से कुछ इस खूबसूरती से झरी हैं कि भावों का सौंधा पानी मन के भीतर की बगिया को लहलहा देता है । कहन ा गल त नही ं होग ा क ि सह ज ह ी उ स अक्ष र स े आपक ो प्या र ह ो जा ए औ र उनमे ं गुंथ े भावो ं प र आपक ा म न झू म उठे ।

जैसे यह ‍त्रिवेणी गुलजार की लेखनी की नोंक पर ही आने के लिए बेसब्र रही होगी-

अ - 'अक्षर चुग-चुग के होंठों से,
अनपढ़ को आवाज मिली है,
अमृत को परवाज मिली है'

' अक्षर पहला होंठ पर आए
ओंस से भी निथरा-निथरा
और वो अमृता कहलाए'

' छ' लफ्ज पर गुलजार कितने भावुक हो जाते हैं दे‍खिए-

' छै छै छेद पड़े छतरी में
छुप के कोई कैसे निकले
छत पे बैठा सावन छेड़े'

और प शब्द पर अनुभूतियां पतंग बन कर उड़ान भरती है

प- 'पाजी एक पतंग उड़ी है
ता नहीं क्या है मन में
पंछी के संग प्रीत जुड़ी है'

ल - 'लाखों बोल उस्ताद लिखाए
लैला लिख-लिख तखतियां पोछें
लेकिन किस्मत पोंछ न पाए'

इस प्राइमर को अर्थपूर्ण सजीला रूप दिया है कनाड़ा निवासी लेखिका और आर्टिस्ट रीना सिंह ने। गुलजार की शाब्दिक चमत्कारों से रची कविताएं उनके जल-रंग चित्रों के साथ मुखर और कोमल हो उठी हैं। पुस्तक के 96 पृष्ठ हैं। हार्पर कॉलिंस इसके प्रकाशक हैं। यह नन्ही पुस्तक बताती है कि हिन्दी कितनी आकर्षक है अगर इसे 'गुलजार' शैली में पढ़ाना और सिखाना आरंभ कर‍ दिया जाए, बहरहाल पुस्तक की कीमत अल ग- अल ग स्थानो ं प र अलग-अलग ह ो सकत ी है। जैसे 239, 299, 186, 250 लेकिन हर कीमत में यह पुस्तक फायदे का सौदा है।

अंतिम पृष्ठ पर जब लिखा मिलता है Hindi is good for your Heart तो मुस्कान का ए क लाल छींटा बरबस ही गुलजार के सम्मान में पाठक के होठों पर थिरक उठता है।

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हिन्दी फॉर हार्ट

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