अगर आप डिप्रेशन में नहीं हैं तो भी आपको शाहीन भट्ट की यह किताब पढ़ना चाहिए

नवीन रांगियाल
“आपकी उंगलियों के निशान की तरह आपका दर्द भी आपके लिए अद्वितीय है। इसी बात को दूसरी तरह से कहें तो आप खुशी कहीं से भी खरीद सकते हैं, लेकिन आपकी उदासी खासतौर से सिर्फ आपके लिए बनी है, वो आपकी अपनी है”

ऊपर की ये पंक्तियां शाहीन भट्ट नाम की एक लड़की की कही हुई हैं। शाहीन को लोग फिलहाल महेश भट्ट की बेटी और आलिया भट्ट की बहन के तौर पर जानते हैं, लेकिन यकीन मानिये जो किताब उन्होंने हाल ही में लिखी है, उसके बाद उनकी खुद की एक अलग पहचान बनेगी। इसका अंदाजा उनकी ऊपर लिखी पंक्तियों से लगाया जा सकता है।

फिलहाल वे इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि उन्होंने डिप्रेशन पर एक किताब लिखी है जो अपने कंटेंट के लिए लोकप्रिय हो रही है।

जिस माहौल और आपाधापी में हम जी रहे हैं, उसमें हम सब कहीं न कहीं डिप्रेशन के ज्यादा या कम शिकार हैं। लेकिन हमने इसे अपने भीतर कहीं छुपाकर रखा है, ऐसे में शाहीन की किताब इस पर खुलकर बात करती है, बेबाकी तो यह है कि इसके लिए शाहीन खुद का उदारहण इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि वो खुद करीब 17 सालों तक डिप्रेशन का शिकार रही हैं, इस दर्द, अकेलेपन और तनाव को उन्होंने बेहद शिदृत से झेला है।

एक दौर के बाद उससे संघर्ष कर वे बाहर निकलीं हैं। इसलिए उन्होंने डिप्रेशन को बहुत गहरे अर्थों में जाकर बयां किया है। इस दौर में नकारात्मक भावों और विचारों को कोई भी सामने नहीं लाना चाहता है, क्योंकि हमें शुरू से यही सिखाया गया है, लेकिन शाहीन ने अपनी किताब ‘आई हैव नेवर बीन (अन) हैप्पियर’ में इसी स्टिरियोटाइप को तोड़ा है। उन्होंने बताया कि खुद को तोड़ देने वाली बीमारी का कैसे साहस के साथ सामना करें।

डिप्रेशन की शुरुआत और उसके लक्षणों के साथ किताब की शरुआत होती है। वो तथ्य देती है कि कैसे हम खुद के या अपने करीबी के डिप्रेशन के शिकार होने के बारे में जानने में नाकामयाब हो जाते हैं। शाहीन अपने भीतर के गहरे दर्द और तनाव के बारे में गहराई से महसूस करती हैं और दर्द को वो किताब में उतारने में कामयाब भी हुई हैं।

ऑटोबायोग्राफी फॉर्म में लिखी गई यह किताब बॉलीवुड से लेकर साहित्य जगत में भी चर्चा का विषय है। बॉलीवुड स्टार अक्सर डिप्रेशन का शिकार रहते हैं, इसके पहले दीपिका पादुकोण भी डिप्रेशन पर अपनी राय रख चुकी हैं। शाहीन की यह किताब डिप्रेशन की बीमारी में एक रौशनी की खोज की तरह है, बावजूद इसके जिन्हें डिप्रेशन नहीं है या जो डिप्रशन को नहीं जानते उन्हें भी शाहीन की यह किताब जरुर पढ़ना चाहिए।

आलिया ने क्‍या कहा शाहीन से

बता दें कि आलिया भट्ट और उनकी बहन शाहीन भट्ट एक दूसरे के बेहद करीब हैं। दोनों साथ में हैंगआउट करती हैं। अपने इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर भी एक दूसरे के फोटो शेयर करती हैं। इस किताब के बाद आलिया ने शाहीन के लिए एक वीडियो शेयर किया है। यह किताब आलिया ने पढ़ी तो वीडियो बनाया और कहा, ‘शाहीन तुमने पूरी किताब लिख डाली वो भी कितनी आसानी से। मैं यहां तुम्‍हारी तारीफ करने के लिए शब्‍द भी नहीं चुन पा रही हूं। मुझे बचपन का वो वीडियो याद आता है जब तुम मुझे हर वक्‍त संभाले रहती थी। जब मैं काम से थक कर घर लौटती हूं और तुम्‍हारा चेहरा देखती हूं तो मेरी थकान गायब हो जाती है। तुमने मुझे जो भी सिखाया उसके लिए थैंक्‍स। मैं तुम्‍हें सॉरी भी कहना चाहती हूं कि तुमने डिप्रेशन में अकेले ही फाइट की। हम तुम्‍हारी तकलीफ को नहीं समझ सकें। तुमसे वादा करती हूं कि मैं हमेशा तुम्‍हारे साथ रहुंगी। तुम मेरी प्रेरणा हो, इस किताब के लिए थैंक्‍स।’

 
 
नाम: आई हैव नेवर बीन (अन) हैप्पियर
लेखक: शाहीन भट्ट
कीमत: 250 रुपए
प्रकाशक: पैंग्विन बुक इंडिया

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