मीडिया की तल्ख सच्चाइयों को उजागर करती 'द ट्रुथ बिहाइंड ऑन एयर'

Webdunia
सोमवार, 1 अप्रैल 2019 (11:44 IST)
- रश्मि शर्मा जोशी
 
(पत्रकार पुष्पेंद्र वैद्य की ताज़ा किताब "द ट्रुथ बिहाइंड ऑन एयर" इन दिनों सुर्ख़ियों में है। यह किताब बीते पच्चीस सालों में भारतीय मीडिया के बदलने का दस्तावेज ही नहीं है, उसके नैतिक पतन की बानगी भी रोचक किस्सों में बयान करती है। इसमें पत्रकारिता के पेशे की चुनौतियाँ भी हैं तो नए पत्रकारों के लिए सीखने के गुर भी इसमें कम नहीं हैं।)
 
 
पुष्पेंद्र वैद्य की ताज़ा किताब "द ट्रुथ बिहाइंड ऑन एयर" जब से देखी थी तब से ही पढ़ने की तीव्र उत्कंठा थी इसलिए जैसे ही कूरियर घर पहुंचा, तुरंत किताब उठायी और पढ़ना शुरू कर दिया। किताब पढ़ने से पहले बिकाऊ मीडिया, उनकी संवेदनहीनता, खबरों को तोड़- मरोड़ कर पेश करना जैसी एक नकारात्मक छवि दिमाग पर बनी हुई थी।
 
 
लेकिन यहाँ एक पत्रकार की सधी हुई दृष्टि से जब अलग-अलग घटनाओं, दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग के अनुभवों पर यह किताब पढ़ी तो काफ़ी कुछ पूर्वाग्रहों से भी मुक्त होती गई। पत्रकारिता के काम में सबसे पहले न्यूज़ दिखाने का दबाव, नींद-भूख, स्वास्थ्यगत परेशानियों से जूझते हुए, शार्ट नोटिस पर किसी भी दशा में दौड़ना, स्टोरी की ठीक तरह से प्लॉटिंग, अलग- अलग कठिनाइयों, खतरों में खुद को डालना इस पेशे के लिए मेरे मन में आदर बढ़ा गया।
 
 
सारी रिपोर्टिंग इतनी जीवंत है कि तुरंत घटना से हम जुड़ जाते हैं, और सहज ही कैमरामैन, ड्राइवर और स्ट्रिंगर्स की टीम का हिस्सा बन जाते हैं। इसकी भाषा और कथन बहुत संप्रेषणीय है, अकारण विस्तार नहीं है। उस समय की स्थिति, वर्तमान स्थिति, सरकारी तंत्र का दबाव और निष्क्रियता साफ़गोई से निडर होकर बयान की गयी है। सारी घटनाएं जहाँ सामने होती प्रतीत होती है और वहीं संवेदनाएं, दर्द जगा पाती हैं।
 
 
कई जगह ग़लत चीज़ों पर मन उचटना, बेबसी, बैचेनी लेखक की संवेदनशीलता और उनकी ईमानदारी दर्शाती है। इंदौर का दिल्ली स्कूल बस हादसा हो या नर्मदा के विस्थापन का दर्द, नयी कहानी गढ़ना हो या छुपे कैमरे से लैस जान जोखिम में डाल सतर्कता से स्टोरी को अंजाम देना, एक रोमांच, दर्द, सिहरन से हमें भी भर देता है। हम खुद को उनके साथ ही खड़ा पाते हैं।
 
 
भारत में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बीते पच्चीस सालों में लम्बा सफर तय किया है। आज यह मीडिया कहाँ पहुँचा यह बताना तो कठिन है लेकिन कैसे किस राह किस डगर पर चलते हुए पहुँचा और उन रास्तों की क्या कठिनाइयाँ क्या तनाव रहे यह जानना रोचक है। खबरों के पीछे का सच उनकी महत्ता उनकी उपेक्षा मीडिया हाउस की विचारधारा किसी रिपोर्टर को किस तरह प्रभावित प्रताड़ित करती है यह जानना भी कम रोचक नहीं है। यूँ तो गाहे बगाहे कुछ ख़बरें सामने आती हैं लेकिन इन ख़बरों का दस्तावेजीकरण करना भी कम जीवट का काम नहीं है वह भी तब जबकि आज कोई सच सुनना नहीं चाहता खुद मीडिया भी नहीं।
 
पुष्पेंद्र वैद्य की किताब द ट्रुथ बिहाइंड ऑन एयर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के शैशवकाल से अब तक की ऐसी कई सच्चाई सामने लाती है जो कभी हैरान करती हैं कभी वितृष्णा पैदा करती हैं तो कभी एक सहानुभूति की लहर पैदा करती है।
 
मेरे ख्याल से यह किताब सभी को पढ़नी चाहिये। पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए भी यह बेहद जरूरी है, जो इस क्षेत्र में ग्लैमर की चाह में आना चाहते है, ताकि उनको पता हो कि बाकी व्यवसाय की तरह ये भी कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रेसेंस ऑफ माइंड, बेहतर टीम वर्क, कम्युनिकेशन स्किल, तनाव प्रबन्धन, तत्परता, प्रत्युत्पन्न मति व संयम मांगती है और आपको मानसिक, शरीरिक रूप से लगातार चुनौतियाँ देती हैं।
 
पुष्पेंद्र वैद्य को इतनी अच्छी किताब के लिए साधुवाद और शुभकामनाएं। उम्मीद है हम आगे भी उन्हें ऐसे ही पढ़ते रहेगें।
 
 
किताब "द ट्रुथ बिहाइंड ऑन एयर"
(टीवी के रुपहले पर्दे के पीछे का सच ) 
लेखक -पुष्पेंद्र वैद्य 
कीमत -120 रूपए (डाक खर्च सहित ) 
प्रकाशक -कलमकार मंच 
3, विष्णु विहार, अर्जुन नगर,
दुर्गापुरा, जयपुर 302018  (राजस्थान)
 
- रश्मि शर्मा जोशी 
ईटी, चामुंडा काम्प्लेक्स, 
एबी रोड, देवास मप्र 455001    

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि में कम करना चाहते हैं वजन, तो भूलकर भी ना खाएं ये 6 चीजें

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले ये 7 सुपर फूड, सेहत को मिलते हैं अनगिनत फायदे

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

अगर दिख रहे हैं ये लक्षण तो समझ जाइये आपके शरीर को है डिटॉक्स की जरूरत

क्यों रात में बुझा दी जाती है ताजमहल की लाइट, रहस्य जाकर दंग रह जाएंगे

ईद के इस चांद की तरह दमकता रहे आपका हर दिन, रब से बस यही दुआ मांगते हैं ईद के दिन... खास अंदाज में कहें ईद मुबारक

चीन ने तिब्बत हड़प लिया, दुनिया ने भुला दिया, चीन के जुल्म सहने को मजबूर हैं तिब्बती

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

अगला लेख