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करियर, गर्लफ्रैंड और विद्रोह

जहाँ समय की करवट का पता मिलता है

Webdunia
ओम भारती
ND
हिंदी में एक बार पुनः नवलेखन ने अपने लिए स्पेस हासिल कर ली है। अनेक तरुण कवि और कथाकार अपनी पहली पुस्तक के साथ पाठकों के पास आए हैं। आज के युवा के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता जीविका ही है। सफल जीवन-निर्वाह के लिए वह आजीविका के चुनाव को बाकी सब पर तहजीह दे रहा है। करियर को लेकर जब वह आश्वस्त सा होता है तब उसका ध्यान गर्लफ्रैंड पर जाता है। कुछ दशक पहले प्रेमिका के लिए करियर तो क्या जिंदगी भी तबाह कर देने वाले नायक की कद्र थी।

तब की पहली पसंद विद्रोह अब तीसरे या अंतिम स्थान पर है। 'करियर, गर्लफ्रैंड और विद्रोह' युवा एवं संभावनाशील कथाकार अनुज का प्रथम कथा-संग्रह है। किताब का शीर्षक जहाँ समय की करवट का पता देता है वहीं आज की युवा-भाषा के तेवर भी साफ जताता है। कहानियों के शीर्षकों में भी माइक्रोवेव टावर, काम्सोमोल कोटा वगैरह इसी ट्रेंड के हैं। लेकिन अनुज की भाषा का एक छोर वहाँ भी है जहाँ खूँटा, बनकटा, खड़ेसरी बाबा का निवास है।

संकलन के नामवाली कहानी क्रम में प्रथम है। यह किस्सा दिल्ली की ख्यात शिक्षण संस्था जेएनयू की अंतर्कथा कहता है, जिसमें अनुज पढ़े हैं। अनुज का इतिवृत्त बारीक है। विडंबना विसंगति से निपटने में व्यंग्य की धार आगे करते हैं। वे अपनी राह चले हैं और हल्के-फुल्के तरीके से बड़े सच को, यथार्थ को फैलाकर रख देते हैं।

टेलीविजन की प्रस्तुति कला पर 'डाक्टरेट' हासिल कर चुके अनुज कहानी प्रस्तुत करना जानते हैं। वे वाकिफ हैं इससे कि किसी विचारधारा से नहीं जुड़ने में भी शायद एक विचारधारा ही होती है। यह भी कि कदाचित बौद्धिकता एवं सनक में विभेद नहीं है। विविध विषयों पर अनुज के लेख, तथा उनकी पुस्तक समीक्षाएँ पाठकों ने पढ़ी होंगी। वे रेडियो के लिए फीचर निर्माण और टॉक-लेखन भी करते रहे हैं।

प्रसिद्ध कहानीकार ममता कालिया ने ब्लर्ब में यही लिखा है-'वर्तमान समय घटनाओं से घिचपित इस तरह भरा हुआ है जिस तरह पिन-कुशन में खुँसे आलपिन। इसके साथ लेखक यही सलूक कर सकता है कि अपनी अभिव्यक्ति को सीधी, प्रत्यक्ष और अनावृत्त कर दे, जैसी युवा कहानीकार अनुज की हैं।' संग्रह ब्लर्ब में लिखे गए को साबित करता है।

इसमें वृत्तांत और कथा स्थितियों, एवं उनमें योजित जीवन यथार्थ, सभी सीधे व नई भाषा में आए हैं। विविधता, विश्वसनीयता एवं कथ्यानुकूल शब्द विन्यास में। खूँटा कहानी में वे बिहार के कस्बों देहातों के सच को इसी भाषा में लाए हैं वे चापाकल, चापड़, अक्किल, बज्जर, करमजरू, इनार, खुड़पेडिया की आँचलिकता को लाइबलिटी, लिपमूवमेंट, रिएक्ट, एपिसोड, अर्जेन्सी का अंग्रेजी पड़ोस देते हैं। सेक्स कुंठित मिश्रित शब्द योजना भी अनुज ने अपनाई है।

अनुज की दस कहानियों का यह प्रस्ताव अपेक्षा जगाता है कि उनके कथाकार का विकास एक सही दिशा में होगा और उनकी और भी बेहतर कथाएँ हम पढ़ पाएँगे।

पुस्तक : करिअर, गर्लफ्रैंड और विद्रोह
लेखक : अनुज
प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
मूल्य : 120 रुपए

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