साइंस को राह दिखाएँगे वेद

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वेद हमारी विरासत हैं। उनमें जीवन के गूढ़ रहस्य समाए हैं। वैज्ञानिक सोच के प्रसार ने वेदों को पुरानी किताबों की श्रेणी में रख दिया और उनकी अनदेखी की जाने लगी। लेकिन जल्द ही इस भूल का अहसास हुआ और गंभीरता से काम करने वाले एक वर्ग ने वेदों के अध्ययन,उन पर चिंतन-मनन के रास्ते खोले। प्रस्तुत दोनों पुस्तकें इसी तरह का काम है।

प्रकृति के गूढ़ रहस्यों के बारे में वेद क्या कहते हैं और साइंस क्या कहता है, इसी पर डॉ. सीपी त्रिवेदी द्वारा लिखित अँगरेजी की दो किताबों में चर्चा की गई है। इनके नाम हैं वैदिक कंसेप्ट ऑफ बायोस्फियर (द सीक्रेट ऑफ क्रिएशन) तथा वैदिक सेल बायोलॉजी विथ लाइफ एनर्जी एंड रिबर्थ। सृष्टि की रचना कैसे हुई, धरती कैसे बनी, इस पर जल कहाँ से आया और पृथ्वी हमारे रहने लायक कैसे बनी जैसे अनेकानेक प्रश्न हैं, जिन पर सतत विचार-विमर्श चलता रहता है। उक्त दोनों पुस्तकें इसी चिंतन प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं।

पुस्तकों के लेखक डॉ. त्रिवेदी ने वर्षों तक अध्ययन-मनन करने के बाद वेदों की स्थापनाओं और साइंस द्वारा निकाले गए निष्कर्षों में बहुत-सी समानताएँ पाईं। प्रस्तुत पुस्तकों में उन्होंने इसके कई उदाहरण पेश किए हैं। जैसे वैज्ञानिक खोजों ने यह सच उद्घाटित कियाकि पृथ्वी पर जीवन का विकास एक सिलसिलेवार प्रक्रिया में हुआ। वेदों में दिया गया क्रमिक विकास का सिद्धांत भी इसी ओर इशारा करता है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि सृष्टि रचना को वेद पौराणिक दृष्टि से नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से देखते हैं। वह सृष्टि को प्रकृति तथा वैज्ञानिक क्रमबद्धता के मुताबिक देखते हैं।
डॉ. सीपी त्रिवेदी द्वारा लिखित अँगरेजी की दो किताबों में चर्चा की गई है। इनके नाम हैं वैदिक कंसेप्ट ऑफ बायोस्फियर (द सीक्रेट ऑफ क्रिएशन) तथा वैदिक सेल बायोलॉजी विथ लाइफ एनर्जी एंड रिबर्थ। सृष्टि की रचना कैसे हुई, धरती कैसे बनी, इस पर जल कहाँ से आया।


आधुनिक विज्ञान कहता है कि सभी जीवों में डीएनए समान रूप से पाया जाता है। इसकी भाषा में विचारों का संप्रेषण होता है, जो वैचारिक उद्दीपन द्वारा जागृत होते हैं। डीएनए की यह भाषा एवं संकेत अविनाशी हैं और सभी जीवों में एक समान हैं। वैदिक सेल बायोलॉजी विथ लाइफ एनर्जी एंड रिबर्थ नामक पुस्तक में डॉ. त्रिवेदी ने इस का भी जिक्र किया है। वे बताते हैं कि वेदों में भी इसी तरह के संकेत मिलते हैं।

अपने अध्ययन के आधार पर उनका कहना है कि वैदिक विज्ञान धीरे-धीरे आधुनिक विज्ञान का मार्ग और प्रशस्त करेगा क्योंकि दोनों का अनुसंधान बहुत कुछ मिलता-जुलता है।

* पुस्तक : वैदिक कंसेप्ट ऑफ बायोस्फियर
* लेखक : डॉ. सीपी त्रिवेदी
* प्रकाशक : ओरिजिनल्स, ए-6, निमरी कमर्शियल सेंटर, अशोक विहार फेज-4 के निकट, दिल्ली-110052
* मूल्य : 200 रुपए

* पुस्तक : वैदिक सेल बायोलॉजी विथ लाइफ एनर्जी एंड रिबर्थ
* लेखक : डॉ. सीपी त्रिवेदी
* प्रकाशक : परिमल पब्लि., 27/28, शक्ति नगर, दिल्ली- 110007
* मूल्य : 300 रुपए
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