यूनिकोड फ़ॉन्ट

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फ़ॉन्ट की सहायता से कंप्यूटर या मोबाइल किसी पाठ को पढ़ने योग्य स्वरूप में स्क्रीन पर दिखाता है। पाठ को खूबसूरती से दिखाने के लिए कई तरह के फ़ॉन्ट उपलब्ध हैं। कंप्यूटर के शुरुआती युग में कोई मानक न होने के कारण कई तरह के फ़ॉन्ट मौजूद थे लेकिन पाठ को पढ़ने के लिए उनका कंप्यूटर पर होना आवश्यक था तथा एक फ़ॉन्ट में लिखे पाठ का संपादन और दूसरे फ़ॉन्ट में परिवर्तन आसान न था।
पूरे विश्व की गैर–रोमन भाषाओं की इस परेशानी की ओर सबका ध्यान था और इसे हल करने के लिए 1991 में यूनिकोड कन्सोर्शियम की स्थापना हुई जिसने फ़ॉन्ट का एक 16 बिट मानक बनाया और विश्व की सभी भाषाओं के अक्षरों को एक विशेष कोड दिया। इसके फलस्वरूप सभी भाषाएँ एक मानक फ़ॉन्ट के अंतर्गत आ गईं और किसी विशेष फ़ॉन्ट पर निर्भरता खत्म हो गई।
यूनिकोड में हिन्दी भी शामिल है तथा इसके कारण आज कंप्यूटर पर हिन्दी में भी काम करना उतना ही आसान है जितना अंग्रेज़ी में। इसके कुछ प्रमुख लाभ हैं:
 
एक कंप्यूटर पर लिखे पाठ को दुनिया के किसी भी कंप्यूटर पर फ़ॉन्ट इंस्टॉल किए बिना देखा जा सकता है
पाठ का संपादन कोई भी अत्यंत आसानी से कर सकता है
कंप्यूटर पर हिन्दी के डेटाबेस को अकारादि क्रम में आसानी से अपने आप क्रमित किया जा सकता है
फ़ाइल नाम, डोमेन नाम आदि हिन्दी में देना संभव है
हिन्दी में खोज करना संभव है
शब्दों को ढूँढकर बदलना पलक झपकते हो जाता है
वेबसाइटों को फ़ॉन्ट डाउनलोड किए बिना पढ़ा जा सकता है
 
हिन्दी के कुछ अच्छे फ़ॉन्ट यहाँ से डाउनलोड किए जा सकते हैं:
https://www.google.com/fonts
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