हिन्दी दिवस पर कविता : मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम गाते हंसते हो

सेहबा जाफ़री
सेहबा जाफरी
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम गाते हंसते हो 
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम अपने सुख दुख रचते हो 
 
मैं वह भाषा हूं,  जिसमें तुम सपनाते हो, अलसाते हो
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम अपनी कथा सुनाते हो 
 
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम जीवन साज पे संगत देते 
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुम, भाव नदी का अमृत पीते 
 
मैं वह भाषा हूं, जिसमें तुमने बचपन खेला और बढ़े 
हूं वह भाषा, जिसमें तुमने यौवन, प्रीत के पाठ पढ़े 
 
मां! मित्ती का ली मैंने... तुतलाकर मुझमें बोले 
मां भी मेरे शब्दों में बोली थी - जा मुंह धो ले 
 
जै जै करना सीखे थे, और बोले थे अल्ला-अल्ला 
मेरे शब्द खजाने से ही खूब किया हल्ला गुल्ला 
 
उर्दू मासी के संग भी खूब सजाया कॉलेज मंच 
रची शायरी प्रेमिका पे और रचाए प्रेम प्रपंच
 
आंसू मेरे शब्दों के और प्रथम प्रीत का प्रथम बिछोह 
पत्नी और बच्चों के संग फिर, मेरे भाव के मीठे मोह 
 
सब कुछ कैसे तोड़ दिया और सागर पार में जा झूले 
मैं तो तुमको भूल न पाई कैसे तुम मुझको भूले
 
भावों की जननी मैं, मां थी, मैं थी रंग तिरंगे का 
जन-जन की आवाज भी थी, स्वर थी भूखे नंगों का 
 
फिर क्यों एक पराई सी मैं, यों देहरी के बाहर खड़ी 
इतने लालों की माई मैं, क्यों इतनी असहाय पड़ी 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

गर्मियों में इन 10 बीमारियों का खतरा रहता है सबसे ज्यादा, जानें कैसे करें बचाव

गर्मियों में भेज रहे हैं बच्चे को स्कूल तो न करें ये 10 गलतियां

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में पीरियड्स के दौरान इन 5 हाइजीन टिप्स का रखें ध्यान

मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करती है आयरन की कमी, जानें इसके लक्षण

सिर्फ 10 रुपए में हटाएं आंखों के नीचे से डार्क सर्कल, जानें 5 आसान टिप्स

क्या है ASMR जिसे सुनते ही होता है शांत महसूस? जानें सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद

Ramanujan :भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन की 5 खास बातें

अगला लेख