मेरा प्रिय शौक

हिन्दी निबंध

Webdunia
ND


प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ शौक रखता है। शौक हमें आनंद देते हैं। शौक रखने से हमें ऊब नहीं होती। इससे काम के प्रति हमारा उत्साह बना रहता है। इसलिए मैं भी एक शौक र खत ी हूं। बागवानी मेरा सबसे प्रिय शौक है।

मैं रोज सवेरे एक घंटे के लिए बागवानी क रत ी हूं। मेरे घर के पिछवाड़े में थोड़ी-सी खाली जगह है। यहां मैंने एक वाटिका लगाई है। वाटिका के चारों ओर कंटीले तार और आकर्षक ढंग से कटी झाड़ियां हैं।

गृहवाटिका में मैंने गुलाब, गेंदा, चमेली, बेली और गुलदाउदी के पौधे लगाए हैं। मैं यहां भिंडी, बैंगन, टमाटर आदि मौसमी शाक-सब्जियां भी लग ात ी हूं। मेरी वाटिका में अमरूद, पपीता, केला और लीची के पेड़ हैं।

तरह-तरह के पेड़-पौधों से सजी मेरी वाटिका बहुत शोभायमान लगती है। मैं पेड़-पौधों को सीं चती ं हूं। मैं इनमें यथासमय गोबर की खाद डा लत ी हूं। मैं नए पौधों के लिए मिट्‍टी तैयार क रत ी हूं। इन कार्यों में मुझे बेहद आनंद आता है।

सुबह-सुबह गृहवाटिका में चलहकदमी करने से शरीर में ताजगी आती है। सुगंधित फूलों से युक्त मेरी गृहवाटिका आसपड़ोस के वातावरण को खुशनुमा बना देती है।

मेरा शौक मुझे तन और मन की प्रसन्नता प्रदान करता है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

हिंदी भाषा का गुणगान करती इस कविता को सुनाकर खूब मिलेगी तारीफ

देश में हर तीसरी मौत के पीछे हार्ट अटैक, रिपोर्ट में सामने आई डरावनी तस्वीर, क्‍या कहा डॉक्‍टरों ने?

डॉक्टर, IPS, IAS के साथ 20 से ज्यादा डिग्रियां, जानिए कौन हैं भारत के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति

हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने के लिए ऐसे करें की तैयारी

AI रिवॉल्‍यूएशन Human Mind और अलग-थलग पड़ी मनुष्‍य चेतना के सवाल

सभी देखें

नवीनतम

पुण्यतिथि विशेष: परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी का वैराग्य नैसर्गिक था

Vastu tips: घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए आजमाएं ये 5 वास्तु टिप्स और प्रभावी उपाय

munshi ayangar formula: कौन थे मुंशी-आयंगर जिनके फॉर्मूले की बदौलत हिंदी बनी राजभाषा, क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस

14 September Hindi Day: 'हेय' की नहीं 'हित' की भाषा है हिन्दी

नेपाल में न्यायालय भी क्यों है जनता के निशाने पर?