Hanuman Chalisa

हिन्दी निबंध : भारतीय युवा और राजनीति

Webdunia
- परिधि वर्मा
FILE
Indian youth and politics

भूमिका : हम सब जानते हैं कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। आज भारत में दूसरे देशों से सबसे ज्यादा युवा बसते हैं। युवा वर्ग वह वर्ग होता है जिसमें 14 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के लोग शामिल होते हैं।

आज भारत देश में इस आयु के लोग सबसे बड़ी संख्या में मौजूद है। यह एक ऐसा वर्ग है जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर है। जो देश और अपने परिवार के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं। आज भारत देश में 75% युवा पढ़ना लिखना जानता है।

आज भारत ने अन्य देशों की तुलना में अच्छी खासी प्रगति की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का है। आज भारत का हर युवा अच्छी से अच्छी शिक्षा पा रहा है।

FILE

उन्हें पर्याप्त रोजगार के अवसर मिल रहे हैं परंतु दुख की बात यह है कि आज का युवा भले ही कितना ही पढ़ लिख गया हो परंतु अपने संस्कार व देश और परिवार के प्रति जिम्मेदारियों को दिन-प्रतिदिन भूलता ही जा रहा है।

आज भारत का युवा वर्ग ऊंचाईयों को छूना चाहता है परंतु वह यह भूलता जा रहा है कि उन ऊंचाईयों को छूने के लिए वह स्वयं अपनी जड़ें खुद काट रहा है।

भारत का युवा वर्ग तैयार है एक नई युवा क्रांति के लिए। लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ इस युवा वर्ग को रोक रही हैं। भारत का युवा वर्ग भारत में अपना योगदान देने की बजाय विदेशों में जाकर बस जाता है।


FILE


राजनैतिक माहौल: भारत की राजनीति में आज वृद्ध लोगों का ही बोलबाला है और चंद गिने-चुने युवा ही राजनीति में है। इसका एक कारण यह है कि भारत में राजनीति का माहौल दिन-ब-दिन बिगड़ रहा है और सच्चे राजनीतिक लोगों की जगह सत्तालोलुप और धन के लालची लोगो ने ले ली है।

राजनीति में देश प्रेम की भावना की जगह परिवारवाद, जातिवाद और संप्रदाय ने ले ली है। आए दिन जिस तरह से नेताओं के भ्रष्टाचार के किस्से बाहर आ रहे है देश के युवा वर्ग में राजनीति के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है।

अब भारत की राजनीति में सुभाषचन्द्र बोस, शहीद भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, लोकमान्य तिलक जैसे युवा नेता आज नहीं है। जो अपने होश और जोश से युवा वर्ग के मन में एक नई क्रांति का संचार कर सके। लेकिन अफसोस आजादी के बाद नसीब में है यह बूढ़े नेता जो खुद की हिफाजत ठीक से नहीं कर सकते तो युवा को क्या देशभक्ति या क्रांति की बातें सिखाएंगे?

यही वजह है कि भारत के युवा अब इस देश को अपना न समझकर दूसरे देशो में अपना आशियाना खोज रहे हैं। वे यहां की राजनीतिक सत्ता और फैले हुए भ्रष्टाचार से दूर होना चाहते हैं। इसलिए वे कोई भी ठोस कदम उठाने से पहले कई-कई बार सोचते हैं। यहां तक कि भारत में वोट डालने वाले युवा को अपने चुने हुए उम्मीदवार पर तक भरोसा नहीं होता है।


FILE

जिम्मेदारी का अहसास क्यों नहीं : आज के युवाओं को सिर्फ और सिर्फ टारगेट ओरियेंटेड बना दिया गया है मतलब यह है कि आजकल के माता-पिता स्वंय नहीं चाहते कि उनका पुत्र या पुत्री अपने कार्यो के अलावा देश के सामाजिक कार्यो में भी अपना योगदान दें क्योंकि आजकल का माहौल ही कुछ इस तरह का हो गया है कि सब केवल अपना भविष्य बनाने में लगे हुए हैं।

यहां तक कि आजकल के युवाओं को उनके परिवार के प्रति जिम्मेदारी का एहसास तक नहीं होता इसलिए हमें इसके लिए कई ठोस कदम उठाने होंगे।

निष्कर्ष : आज भारत का हर नागरिक भली-भांति अपना अच्छा बुरा समझता है। युवाओं को संप्रदायवाद तथा राजनीति से परे अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा। युवाओं को इस मामले में एकदम सोच समझकर आगे बढ़ना होगा। और ऐसी किसी भी भावना में न बहकर सोच समझकर निर्णय लेना होगा।

भारत का युवा वर्ग वाकई में समझदार है जो सच में इस मामले में एक है और ज्यादातर युवावर्ग राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि मान रहा है। यह वाकई में एक अच्छी और सकारात्मक बात है जो भारत जैसे देश के लिए बड़ी बात है।

और भी चीजें है जैसे बेरोजगारी, सरकारी नौकरियों में जगह पाने की लिए रिश्वत जैसी बातें भी कारण है युवा को देश से दूर करने के लिए। इसीलिए हमें समय-समय पर अपने युवाओं का मार्गदर्शन करना होगा। जिससे कि वे सही और गलत में पहचान कर सकें तथा अपने देश को आगे तथा तरक्की के मार्ग पर ले जाने में सहयोग प्रदान कर सकें।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Navratri 2025: नवरात्रि में लगाएं इन 5 फलों का भोग, माता को अतिप्रिय है ये प्रसाद

Benefits of sugar free diet: 15 दिनों तक चीनी न खाने से शरीर पर पड़ता है यह असर, जानिए चौंकाने वाले फायदे

जानिए नवरात्रि व्रत में खाया जाने वाला राजगिरा आटा क्यों है सबसे खास? जानिए इसके 7 प्रमुख लाभ

Navratri 2025: नवरात्रि व्रत में क्यों खाते हैं सेंधा नमक? जानिए इसके पीछे के वैज्ञानिक और धार्मिक कारण

Lactose Intolerance: दूध पीने के बाद क्या आपको भी होती है दिक्कत? लैक्टोज इनटॉलरेंस के हो सकते हैं लक्षण, जानिए कारण और उपचार

सभी देखें

नवीनतम

इस तस्वीर से क्यों सतर्क होनी चाहिए मोदी सरकार को, ट्रंप-शरीफ-मुनीर की तिकड़ी की मुलाकात के पीछे की कहानी क्या है

Bhagat Singh: इंकलाब जिंदाबाद के अमर संदेशवाहक: भगत सिंह पर सर्वश्रेष्ठ निबंध

28 सितंबर जयंती विशेष: शहीद-ए-आजम भगत सिंह: वो आवाज जो आज भी जिंदा है Bhagat Singh Jayanti

World Tourism Day 2025: आज विश्व पर्यटन दिवस, जानें इतिहास, महत्व और 2025 की थीम

Leh Ladakh Protest: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने और छठी अनुसूची में शामिल होने के बाद क्या होगा बदलाव