विचार

Webdunia
ND
एक लेखक एक प्रकाशक के पास गया और कहा- सर ! यह मेरा काव्य-संग्रह है।

दो साल पहले भी इसे छपवाने मैं आपके पास आया था।

प्रकाशक- लेकिन तब भी मैंने इसे छापने से मना कर दिया था।

लेखक- जी हाँ, वो तो ठीक है, लेकिन मैंने सोचा शायद इस साल आपका विचार बदल गया होगा।

Show comments

बॉलीवुड हलचल

जब आश्रम के भोपा स्वामी पहुंचे महाकुंभ, लोग कहने लगे जपनाम

होली को छपरियों का त्योहार बताकर फंसीं फराह खान, दर्ज हुआ केस

पूनम पांडे के साथ शख्स ने की बदतमीजी, सेल्फी लेने के बहाने की किस करने की कोशिश

फिल्म रिजेक्ट करने पर निर्देशक ने गुरमीत चौधरी को दी थी यह धमकी

रश्‍मिका मंदाना ने की छावा में विनीत कुमार सिंह के प्रदर्शन की तारीफ, बोलीं- शानदार

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष