सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमरकांत का निधन

Webdunia
हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमरकांत का इलाहाबाद में 89 साल की उम्र में निधन हो गया। साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार अमरकांत के निधन की खबर आते ही साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई।

FILE


अमरकांत की गिनती हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कथाकारों के रूप में होती है। यशपाल ने उन्हें भारत का गोर्की कहा था। साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ के अलावा उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त राष्‍ट्रीय पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार जैसे अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया था।

अमरकान्त का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगारा गांव में 1 जुलाई 1925 को हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. किया। इसके बाद उन्होंने साहित्यिक सृजन का मार्ग चुना। बलिया में पढ़ते समय उनका सम्पर्क स्वतन्त्रता आंदोलन के सेनानियों से हुआ। इसके बाद वे स्वतन्त्रता-आंदोलन से जुड़ गए।

एक पत्रकार के रूप में उनका कृतित्व जीवन का आरंभ हुआ। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। कहानीकार के रूप में उनकी ख्याति सन् 1955 में 'डिप्टी कलेक्टरी' कहानी से हुई। अमरकांत मनोरमा पत्रिका के संपादक भी रहे हैं। उनके अभी तक 12 उपन्यास, 11 कहानी संग्रह, संस्मरण और बाल साहित्य प्रमुख है।

उनकी कहानियों में जिंदगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, कुहासा और उपन्यासों में सूखा पत्ता, काले उजले दिन, सुख जीवी, बीच की दीवार काफी चर्चित रहे। उनके द्वारा लिखे गए संस्मरण ‘कुछ यादें’, ‘कुछ बातें’ और ‘दोस्ती’ भी काफी लोकप्रिय रहे।

अमरकांत रचनाधर्मी साहित्यकार थे। उनकी रचनाओं में मध्यवर्गीय जीवन की पक्षधरता का चित्रण मिलता है। भाषा की सृजनात्मकता के प्रति सजग कथाकार थे।

यशपाल ने कहा था- जब मैंने अमरकान्त को गोर्की कहा था, उस समय मेरी स्मृति में गोर्की की कहानी 'शरद की रात' थी। उस कहानी ने एक साधनहीन व्यक्ति को परिस्थितियां और उन्हें पैदा करने वाले कारणों के प्रति जिस आक्रोश का अनुभव मुझे दिया था, उसके मिलते-जुलते रूप मुझे अमरकान्त की कहानियों में दिखाई दिए।'

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पापा सिर्फ शब्द नहीं, पूरी जिंदगी का सहारा हैं...फादर्स डे पर इमोशनल स्पीच

वॉकिंग या जॉगिंग करते समय ना करें ये 8 गलतियां, बन सकती हैं आपकी हेल्थ की सबसे बड़ी दुश्मन

मानसून में हार्ट पेशेंट्स की हेल्थ के लिए ये फूड्स हैं बेहद फायदेमंद, डाइट में तुरंत करें शामिल

फादर्स डे पर पापा को स्पेशल फील कराएं इन खूबसूरत विशेज, कोट्स और व्हाट्सएप मैसेज के साथ

क्या आपको भी ट्रैवल के दौरान होती है एंग्जायटी? अपनाएं ये टॉप टिप्स और दूर करें अपना हॉलिडे स्ट्रेस

सभी देखें

नवीनतम

पिता जमीर हैं, पिता जागीर हैं... Father’s Day पर अपने पापा को इस तरह करें विश और बनाएं उनका दिन खास!

21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें

सावधान! रोज की ये 5 आदतें डैमेज करती हैं आपका दिमाग

ऑफिस में थकान दूर करने वाले 8 हेल्दी स्नैक्स

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के 10 प्रेरणादायक विचार, जो जीवन को नई दिशा देते हैं