बॉब डिलन होने के मायने

सुशोभित सक्तावत
- साहित्य का नोबेल
इस दफ़े साहित्य के नोबेल पुरस्कार कोई एक सप्ताह देरी से दिए गए हैं। इस बीच ये ख़बरें भी आईं कि नोबेल पुरस्कार समिति में असहमतियां उभर रही हैं। गुरुवार दोपहर जैसे ही स्वीडिश एकेडमी द्वारा बॉब डिलन के नाम की घोषणा की गई, यह जाहिर हुआ कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ रही होगी। कारण, बॉब के नाम की घोषणा प्रत्याशि‍त होने के बावजूद चौंकाने वाली थी। प्रत्याशि‍त इसलिए कि पिछले कई सालों से वे हारुकि मुराकामी, अदूनिस और अमोस ओज़ की तरह नोबेल पुरस्कार के दावेदारों में अग्रपंक्त‍ि में बने हुए थे। वे सटोरियों की पहली पसंद हुआ करते थे। इस बार भी उनके नाम पर काफ़ी पैसा लगा था। जाहिर है कि बॉब को नोबेल पुरस्कार दिए जाने से कइयों की चांदी हो गई होगी।
 
लेकिन ऐसा जान पड़ता है, जैसे लंबे अनिर्णय और असहमतियों के बाद यह पुरस्कार बॉब के हवाले कर दिया गया। 60 के दशक में जब क्रॉस कल्चरल मूवमेंट ज़ोरों पर था, तब बॉब एक पूरी पीढ़ी की आवाज़ बने हुए थे, लेकिन वह ज़माना बीते एक अरसा हो गया और स्वीडिश एकेडमी अमूमन तिथि‍बाह्य पुरस्कार प्रदान नहीं करती है। फिर बॉब डिलन प्रचलित मायनों में एक कवि भी नहीं, सॉन्गराइटर हैं, लेनन-मैकार्टनी, मॉरिसन, मर्क्यूरी और जैक्सन की ही तरह, और उन्हें पुरस्कार देकर एक नई परिपाटी भी क़ायम की गई है। अलबत्ता गए साल स्वेतलाना अलेक्सेयेविच को यह पुरस्कार नोबेल कमेटी ने संकेत दे दिए थे कि वे नई ज़मीन तोड़ने से उन्हें कोई परहेज़ नहीं है। स्वेतलाना ने मुख्यत: नॉ‍न फिक्शन रिपोर्ताज ही लिखे हैं। फिर भी, बॉब डिलन को यह पुरस्कार दिया जाना विंस्टन चर्चिल को साहित्य का नोबेल दिए जाने के बाद सबसे चौंकाने वाला नोबेल माना जाएगा।
 
लेकिन इससे बॉब डिलन के प्रशंसकों के अपार समूह को कोई फ़र्क पड़ेगा, ऐसा नहीं है। यह उनके लिए उत्सव का दिन है। स्वीडिश एकेडमी ने बॉब को महानतम जीवित लोककवि की संज्ञा दी है, जिन्होंने अमेरिका की परंपरागत गीति-परंपरा में नई भंगिमाओं को रचा है। यह सच भी है। बॉब डिलन के गायन की तुलना किसी भी लोकप्रिय रॉक या जैज़ गाने से नहीं की जा सकती। उसके गायन की तुलना केवल लोकगायकों और जनगायकों से की जा सकती है। उसके गीतों की तुलना लोकस्मृति में रचे-बसे आल्हा और बिरहे से की जा सकती है। उसे सुनते हुए पॉल रॉब्सन के रेडिकल राजनीतिक तराने या लोर्का के जिप्सी बैलेड्स याद आते हैं 1965 में जब डिलन का गीत "लाइक अ रोलिंग स्टोन" आया, तो लगा, जैसे किसी ने ठोस हवा की दीवार में मुक्का मारकर उसमें छेद कर दिया हो। बूर्ज्वा संस्कृति के प्रति जिस हिकारत से दांत पीसते हुए डिलन ने यह गीत गाया, उसने मौजूदा काउंटर कल्चरल मूवमेंट को एक नई भंगिमा दी। डिलन के साथ मानो एक पूरी नस्ल पतनशील सभ्यता से पूछ रही थी : "हाऊ डज़ इट फ़ील, टु बी विदाउट होम, लाइक अ रोलिंग स्टोन?"
 
पश्चिमी पॉप संगीत की परंपरा में रिदम एंड ब्ल्यू और रॉक एन रोल के साथ ही कंट्री और फ़ोक संगीत की भी एक सजीव अंतर्धारा हमेशा प्रवाहित रही। बॉब डिलन के साथ कंट्री संगीत एक अनन्य आधुनिक भावबोध ग्रहण करता है। डिलन के बैलेड्स में बीटनिक कवि एलेन गिंसबर्ग और कंट्री सिंगर जीम रीव्ज एकसाथ गा रहे थे। गिटार और माउथ ऑर्गन उसके संगी-साथी थे। आज़ाद हवा उसके गेसुओं में गिरहें गूंथती। काले चश्मे के नीचे छुपी उसकी आंखों में उसके लहज़े का तंज दबा-छुपा रहता, लेकिन उसकी आवाज़ उसके भीतर पैठी इंटेंसिटी को छुपा न पाती। फ्रैंक सिनात्रा, बिल विदर्स और पॉल मैकार्टनी की सुरीली आवाज़ के अभ्यस्त कानों ने ऐसी आवाज़ पहले कभी न सुनी थी। अनगढ़ और खरी। गले में खरज। लोअर ओक्तेव को सहलाता खुरदुरा लहजा। सैम कुक ने उसकी आवाज सुनकर कहा था : बॉब के पदार्पण के साथ ही संगीत में सुरीली आवाज़ों का एकाधिकार समाप्त होता है और सच्ची आवाज़ों का सफ़र शुरू होता है।
 
"ब्लोइन इन द विंड" और "टाइम्स दे आर अ-चेंजिन" जैसे उसके गीत युद्ध विरोधी मुहिमों के एंथम बन गए। "ब्लोइन इन द विंड" में वह एक सफेद फाख्ते से, जैसे मनुष्य की नियति से, पूछता है : "रेत में सो जाने से पहले, और कितने समुद्र पार करने होंगे तुम्हें?" और फिर ख़ुद इसका उत्तर देता है : "हवाओं पर लिखा है इसका जवाब।" हवाओं के बदलते रुख़ पर उसकी नजर थी और वह ख़ुद हवाओं का रुख़ बदल रहा था।
 
बॉब डिलन की आवाज़ की ख़राशों में "मिनेसोटा डाउन" से "मिसिसिपी डेल्टा" तक की सड़क चमकती है, "हाईवे 61", जो कि उसके संगीत का जनपथ है। उसने पॉप गीतों को विशुद्ध कविता की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। लेकिन उसके जीनियस को किसी एक कोष्ठक में बांधना संभव नहीं। वह लोकरंजक होने के साथ ही लोकद्रोही भी है। वह आधुनिक होने के साथ ही आधुनिकता का आलोचक भी है। रॉबी रॉबर्टसन ने उसके बारे में सच ही कहा था : वह विद्रोहों के विरुद्ध विद्रोह कर रहा विद्रोही था। बॉब डिलन संगीत की दुनिया का मार्लन ब्रांडो है। उसने एक नई भंगिमा रची। उसने अपने वर्तमान को भविष्य की भाषा सौंपी।
 
बॉब डिलन के गीतों के साथ पली-बढ़ी पीढ़ी के लिए उसके गीत दिसंबर की दरमियानी धूप की तरह हैं, जो शहरों को शीशे के कशीदों में बदल देती है, एक चमक और ऊष्मा के साथ। जब-जब यह करिश्मा छीजता है, जी करता है बॉब के पास जाएं और उसके ही शब्दों में उससे कहें : "सांझ का साम्राज्य अब रेत के ढूहों में बिला गया है और पुरानी-खाली सड़कें स्वप्नों के सीमांतों से सुदूर हैं। लेकिन हमारी आंखों में नींद नहीं। मिस्टर टैंबूरिन मैन, कोई गीत सुनाओ..."
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