वहां नन्हे किशोर-किशोरियां वीर रस की कविताएं पढ़ रहे थे और श्रोता हॉल में रोमांचित हो रहे थे। एक से बढ़कर एक कविताएं और और एक से बढ़कर एक बच्चे.. निर्णायकों के लिए कठिन घड़ी थी किसे पुरस्कार दें किसे नहीं....इंदौर शहर के स्कूलों के 26 बच्चे सेंट पॉल उ.मा. विद्यालय में वीर रस काव्य पाठ स्पर्धा में शामिल हुए और अत्यंत ओजस्वी और ऊर्जावान प्रस्तुति दी।
हिन्दी दिवस के अवसर पर सेंट पॉल उ.मा. विद्यालय में आयोजित इस आकर्षक प्रतिस्पर्धा में विशेष बात यह थी कि हर बच्चा अपनी पूरी तैयारी के साथ आया था। उत्साह, उमंग, जोश, आत्मविश्वास के साथ उनकी भाषा, उच्चारण और स्मरण शक्ति भी ध्यान देने योग्य थीं। कहीं तरन्नुम से हॉल में मधुरता बढ़ गई तो कहीं जोशीले स्वरों ने वातावरण में चेतना जगा दी। इन कविताओं में शहीद, कश्मीर, सीमा, देश, समाज, प्रताप, शिवाजी, झांसी की रानी थे तो दिनकर, भूषण, बच्चन और नीरज भी थे...
आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में स्मृति जोशी और विकास ठक्कर उपस्थित थे। वक्ता द्वय ने सभी विद्यार्थियों की जमकर सराहना की। श्रीमती स्मृति ने कहा कि बच्चों को सुनकर और इनकी तैयारी देखकर लगा कि अभी कई पीढ़ी तक हमारी हिन्दी सुरक्षित है। श्री विकास ठक्कर ने कहा कि सभी को सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो रहे थे।
प्राचार्य फादर सीबी जोसेफ ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कक्षा दसवीं के स्वराज यादव और अनुज मेहता ने किया। इस अवसर पर शिक्षक पालक संघ के अध्यक्ष मनीष दीक्षित, शिक्षक सत्यनारायण कुंवर सहित सभी स्टाफ के सदस्य उपस्थित थे।
कुल 26 प्रतिभागियों में से सर्वश्रेष्ठ विजेता चुने गए जिनमें विद्यासागर स्कूल के आदित्य शिहूलकर प्रथम, चमेली देवी पब्लिक स्कूल के आर्य शिवहरे द्वितीय, द विद्यांजलि इंटरनेशनल स्कूल की तन्वी कोठारी तृतीय तथा द भवंस प्रॉमिनेंट इंटरनेशनल स्कूल के मंदार माहेश्वरी ने प्रोत्साहन स्थान प्राप्त किया गया। अतिथियों ने विजेताओं को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र आदि से सम्मानित किया। अंत में विद्यालय के छात्र प्रमुख आर्यन दलाल ने आभार व्यक्त किया।