Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कथाकार निर्मला भुराड़िया को उपन्यास गुलाम मंडी के लिए सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान

हमें फॉलो करें कथाकार निर्मला भुराड़िया को उपन्यास गुलाम मंडी के लिए सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान
, मंगलवार, 21 मई 2019 (15:49 IST)
हिंदी की सुपरिचित पत्रकार और कथाकार निर्मला भुराड़िया के उपन्यास ‘गुलाम मंडी’(सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित) को वर्ष 2019 के लिए 12वां सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान हेतु चयनित किया गया है। 
 
अंहिस के अध्यक्ष व वरिष्ठ रचनाकार श्री उद्भ्रांत, आलोचक त्रय डॉ. खगेन्द्र ठाकुर (पटना), श्रीप्रकाश मिश्र, (इलाहाबाद), डॉ. सुशील त्रिवेदी (रायपुर) व संयोजक जयप्रकाश मानस की समिति अनुशंसा पर शताधिक प्रविष्टियों में उनके नाम की अनुशंसा की है। 
 
कथाकार को यह सम्मान मानपत्र, सम्मान राशि, एवं प्रतीक चिन्ह सहित आगामी 7 जून के दिन 17 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन (यूनान, एथेंस) में समारोहपूर्वक ग्रीस के ख्यात भाषाविद्, लेखक Pro. Dimitrios Vassiliadis, President, Indo-Hellenic Society for Culture and Development(ELINEPA)के हाथों प्रदान किया जाएगा। 
 
साहित्यिक वेब पोर्टल सृजनगाथा डॉट कॉम द्वारा प्रतिवर्ष कविता एवं कथा लेखन के क्षेत्र में दिया जाने वाला यह प्रतिष्ठित सम्मान अब तक यह डॉ. सुधीर सक्सेना(भोपाल), गीताश्री(दिल्ली), एकांत श्रीवास्तव(कोलकाता), संतोष श्रीवास्तव (मुंबई), डॉ. हरिसुमन बिष्ट(नोएडा), प्रबोध कुमार गोविल(जयपुर), कृष्ण बिहारी (आबूधाबी), पूर्णिमा वर्मन, असंग घोष (जबलपुर), राकेश पांडेय (दिल्ली), राजेश श्रीवास्तव (भोपाल), कुमुद अधिकारी (नेपाल), डॉ. शरद पगारे (इंदौर), श्री गोविंद माथुर (जयपुर), शंभु बादल (हजारीबाग) व सवाई सिंह शेखावत (जयपुर) जैसे महत्वपूर्ण कवि एवं कथाकारों को मिल चुका है।
 
अनुशंसा में कहा गया है - 
 
"न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में उपेक्षित और लगभग हाशिये में पड़े थर्ड जेंडर यानी किन्नरों के प्रति लगभग लुप्त मानवीय संवेदना को बौद्धिक तौर पर झकझोरने वाला उपन्यास ‘गुलाम मंडी’अपनी विशिष्ट और चुनौतीपूर्ण मौलिक अभिव्यक्ति के लिए प्रशंसनीय है। अंगरेजी भाषा में भी अनुदित यह उपन्यास वैश्विक जि‍स्मफरोशी और मानव तस्करी की खतरनाक और आक्रांत दुनिया में पाठकों को शिद्दत से ले पहुंचाकर उन्हें सोचने को विवश कर देता है।''

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मोदी की खरी-खरी फिर भी बचे सवाल