हिंदी, मराठी, उर्दू जैसी विभिन्न भाषाओं में कही विविध रंगों की रचनाओं के साहित्यिक समागम से आपले वाचनालय में आयोजित रचना संवाद कार्यक्रम भाषाई वैशिष्ट्य और समृद्धि से महक उठा। अवसर था साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा यात्रा वृत्ति पर आए उस्मानाबाद के प्रतिभाशाली युवा कवि प्रमोद माने की इंदौर यात्रा में आयोजित कार्यक्रम रचना संवाद का।
अपनी भाषा के अलावा अन्य भाषाओं के रचनाकारों और उनकी रचनाओं से संवाद करते हुए लेखकीय रचनात्मकता को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से अकादमी द्वारा प्रदत्त इस यात्रा वृत्ति के अंतर्गत वे रचना संवाद कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार सदाशिव कौतुक ने अपने उद्बोधन में ऐसे अंतर भाषाई रचना संवाद को रचनात्मकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए ऐसे सार्थक कार्यक्रमों के निरंतर आयोजनों के लिए आपले वाचनालय की भूरी भूरी प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में विभिन्न भाषाई साहित्यिक परिदृश्य पर जहां एक सार्थक चर्चा हुई वहीँ रचनाकारों द्वारा काव्य पाठ एवं आवश्यकतानुसार अनुवाद द्वारा अपनी काव्याभिव्यक्ति से गोष्ठी को सार्थक बनाया।
इस विविध रंगी गोष्ठी में अतिथि कवी प्रमोद माने के अलावा राममूरत राही, दीपक देशपांडे, प्रदीप नवीन, शिव चंद्रायण, अज़ीज़ अंसारी, विश्वनाथ शिरढोणकर, संदीप राशिनकर, श्रीति राशिनकर, डॉ ओम ठाकुर एवं सदाशिव कौतुक ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को अभिभूत किया। अतिथियों का स्वागत किशोर पाटिल एवं दीपक शिरालकर ने किया। कार्यक्रम का सुचारू संचालन श्रीति राशिनकर ने और आभार प्रदर्शन दीपक देशपांडे ने किया।