अगर ज्ञान न हो तो कुछ भी संभव नहीं। यहां ज्ञान से अर्थ नॉलेज शब्द भी है। ज्ञान शब्द तो खोज और जीवन के परे आयामों को परिभाषित करता है, लेकिन आज के दौर में इसे ज्ञान न कहकर, नॉलेज, सूचना और जानकारी से ज्यादा बेहतर समझा जा सकता है।
ज्ञान जीवन के सभी तत्वों का आधार है। इसके बिना कुछ भी संभव नहीं। न जीवन, न रोजगार, और न ही जीवन का कोई दूसरा हिस्सा।
अगर ज्ञान न हो तो कुछ भी संभव नहीं। यहां ज्ञान से अर्थ नॉलेज शब्द भी है। ज्ञान शब्द तो खोज और जीवन के परे आयामों को परिभाषित करता है, लेकिन आज के दौर में इसे ज्ञान न कहकर, नॉलेज, सूचना और जानकारी से ज्यादा बेहतर समझा जा सकता है।
आप कहीं भी, किसी भी क्षेत्र में चले जाए, बगैर नॉलेज या जानकारी के कुछ भी कर पाना संभव नहीं है। चाहे वो कम्प्यूटर चलाने के काम से लेकर कोई मशीन सुधारने का काम हो या, कोई मशीन ऑपरेट करने से लेकर वाहन चलाने का काम हो। यहां तक कि बगैर जानकारी के एक मोची जुता भी नहीं सिल सकता। उसे भी सुई चलाने और धागे को गांठने की जानकारी होना चाहिए।
तो छोटी चीजों की जानकारी से लेकर चीजों को या अपने जीवन के किसी भी आयाम को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए नॉलेज की जरूरत होती है। जब इसके दायरे बढ़ते हैं, यह बाहर से भीतर की तरफ मुड़ता है तो यह ज्ञान हो जाता है।
इसका उदेश्य जीवन के परे मौजूद आयामों की खोज करना है। जबकि नॉलेज जीवन को संचालित करने की कला, उसमें एक बैलेंस, एक संतुलन प्राप्त करने को कहा जा सकता है।
संतुलन, एक तरह का विवेक भी है, एक बौध, कि हम किन चीजों को कैसे करना चाहते हैं, या कैसे करना चाहिए।
हमारे जीवन में एक विवेक हो, एक संतुलन जो हमारे जीवन को बेहतर बना सके।
चाहे किताब पढ़िए या गूगल कीजिए, ज्ञान, जानकारी, सूचना इन सब में से जहां से जो मिले ले लिया जाना चाहिए।
हालांकि किताब इस मामले में आपकी दोस्त होती है। किताबों को अपने साथ रखिए, उन्हें अपना दोस्त बनाइए। वो आपको इतना देगी कि जीवन में ज्ञान की रोशनी जगमगाती नजर आएगी। आज पुस्तक दिवस के दिन यही संकल्प कीजिए कि किताबें हमारी दोस्त हों, सदा हमारे साथ रहे।