भारतीय सोप ओपेरा के जनक मनोहर श्याम जोशी

Webdunia
मनोहर श्याम जोशी ने साहित्य में निरंतर रचनाशील और प्रयोगशील रहते हुए अपनी कृतियों के माध्यम से एक व्यापक जीवन-बोध का परिचय दिया है। गद्य में अपनी प्रयोगधर्मिता से उन्होंने हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं के आयामों का विस्तार किया है। न केवल उपन्यास और कहानियों के माध्यम से बल्कि निबंधों और साक्षात्कारों में भी उनकी बेबाक शैली को सहसा ही परिलक्षित किया जा सकता है।
 जोशी जी की कृतियों का विस्तार और वैविध्य इतना अधिक है कि उनके यहां एक साथ कई साहित्य और रचना-परंपराओं का समन्वय मिलता है। अपनी समस्त कृतियों में उन्होंने भाषा और भाव-बोध के नए धरातलों का स्पर्श किया है। साथ ही उन्होंने हिन्दी में कई नये साहित्य-रूपों का भी विकास किया है। अपनी विशिष्ट शैली के कारण उन्हें हिन्दी में उत्तर-आधुनिक उपन्यासों के जनक के रूप में देखा गया है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस रजाई के आगे बड़े ब्रांड के हीटर भी हैं फेल, जानिए कौन सी है ये जादुई रजाई

हर शहर में मिलती है मुरैना की गजक, जानिए क्यों है इतनी मशहूर?

क्या सिर्फ ठंड के कारण ज्यादा कांपते हैं हाथ पैर? पूरी सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान

भारत की पवित्र नदियों पर रखिए अपनी बेटी का नाम, मीनिंग भी हैं बहुत खूबसूरत

क्या सुबह के मुकाबले रात में ज्यादा बढ़ता है ब्लड प्रेशर? जानिए सच्चाई

सभी देखें

नवीनतम

Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस के निबंध में लिखें लोकतंत्र के इस महापर्व के असली मायने

हर्षा रिछारिया से पहले चकाचौंध छोड़ अध्यात्म की राह पर निकलीं ये मशहूर एक्ट्रेसेस, सन्यास को बनाया जीवन

रिपोर्ट में मिस्‍सी रोटी को बताया घटिया, जानिए क्‍यों उठा रोटी पर विवाद

कौन हैं स्वामी कैलाशानंद गिरी, स्टीव जॉब्स की पत्नी के अलावा कौन से सेलेब्रिटीज़ हैं इनके भक्त

रात में बच्चों के कपड़े क्यों नहीं सुखाने चाहिए घर से बाहर, जानिए सच्चाई

अगला लेख