अंग्रेजों के खिलाफ नई क्रांति का सूत्रपात करने वाले आजादी के महानायक थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस

Webdunia
आजादी के महानायक सुभाषचंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे।‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा’, इस नारे को देश की आजादी के लिए ब्रह्म वाक्‍य का रूप देने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए देश से बाहर रहकर संघर्ष किया। उनकी वाणी इतनी तेजस्‍वी थी कि उनकी एक अपील पर हजारों लोग अपना सर्वस्‍व बलिदान करने को तैयार हो जाते थे। 
 
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अंग्रेजों के देश से रवाना होने से पहले ही खुद को और अपने देश को आजाद घोषित करते हुए आजाद हिंद फौज और आजाद हिंद सरकार की स्‍थापना की। अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंक कर द्वितीय विश्‍व युद्ध के समय नेताजी सुभाषचंद्र बोस जर्मनी चले गए। फिर उन्‍होंने देश के बाहर रहने वाले भारतीयों को संगठित कर उन्‍हें देश की स्‍वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध किया। 
 
आजाद हिंद फौज का गठन कर उन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ एक नई क्रांति का सूत्रपात किया। हिंदुस्‍तान को आजादी मिलने के चार वर्ष पूर्व ही नेताजी ने आजाद भारत की आजाद हिंद सरकार का गठन कर लिया था। 21 अक्‍टूबर, 1943 को सिंगापुर में संपन्‍न हुई एक सार्वजनिक सभा में नेताजी ने इस अस्‍थाई सरकार के संगठन की घोषणा की। इस सार्वजनिक समारोह में लगभग सात हजार भारतीय उपस्थित थे। इस समारोह में आजाद हिंद सरकार के अध्‍यक्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं अन्‍य मंत्रियों ने देश की स्‍वतंत्रता के लिए मर-मिटने की शपथ ली थी। 
 
इस अवसर पर आजाद हिंद सरकार ने अपना घोषणा पत्र प्रस्‍तुत किया। इस घोषणा पत्र में साफ तौर पर कहा गया, ‘हमें बर्बाद करने वाली ब्रिटिश सरकार ने हमारी सारी श्रद्धा छीन ली है। उस पाशविक शासन के अंतिम अवशेषों को नष्‍ट-भ्रष्‍ट करने के लिए एक भयानक क्रांति-ज्‍वाला की आवश्‍यकता है। आजाद हिंद सेना उस ज्‍वाला को सुलगाने के लिए जाग उठी है।’
 
इस घोषणा पत्र के अंत में भारतीयों से देश की स्‍वतंत्रता के लिए लड़ने का आह्ववान किया गया। यह घोषणा पत्र इतना अधिक प्रभावी सिद्ध हुआ कि इसके अगले ही दिन पचास हजार भारतीयों ने सार्वजनिक प्रदर्शन कर आजाद हिंद सरकार के प्रति विश्‍वास व्‍यक्‍त किया।

 
आजाद हिंद सरकार के गठन के बाद सिंगापुर में रह रहे भारतीयों के मन में देशभक्ति की ज्‍योति प्रज्‍ज्‍वलित हो गई और वे नेताजी के साथ हो गए। इन लोगों ने आजाद हिंद सरकार को उदारतापूर्वक अपनी जमापूंजी दान की।
 
सन् 1943 में इन लोगों द्वारा दान की गई राशि से आजाद बैंक की स्‍थापना की गई, जिसका मूल धन साढ़े आठ करोड़ रुपए था। नेताजी की आजाद हिंद सरकार को जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया और फिलिपींस जैसे देशों ने मान्‍यता दी और इसके साथ राजदूतों का आदान-प्रदान भी किया। नेताजी की आजाद हिंद सरकार और आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया।

 
18 अगस्‍त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्‍यु हो गई। उनकी मृत्‍यु और विमान दुर्घटना को लेकर अनेक मतभेद हैं।
 
माइकल एडवर्ड ने उनके बारे में एक बार कहा था कि अंग्रेजों को अहिंसा के पुजारी महात्‍मा गांधी से कोई भय नहीं था। उनके मन में नेहरू का भी कोई डर नहीं था। यदि अंग्रेजों को किसी व्‍यक्ति से भय था तो वे थे - सुभाषचंद्र बोस।
 
नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा भी उनका था, जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। अपने सार्वजनिक जीवन में सुभाषचंद्र बोस को कुल ग्यारह (11) बार कारावास हुआ। उन्हें सबसे पहले 16 जुलाई 1921 में छह महीने का कारावास हुआ था।

ALSO READ: बहादुर और देशभक्त थे नेताजी, जानिए विलक्षण व्यक्तित्व की 28 खास बातें...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रसोई की इन 7 चीजों में छुपा है आपका स्किन ब्राइटनिंग सीक्रेट, तुरंत जानें इनके बेहतरीन फायदे

Health Alert : कहीं सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है सहजन की फली?

सॉफ्ट आटा गूंथने के 4 सही तरीके, रोटियां बनेंगी फूली हुई और मुलायम

आपके घर के किचन में छुपा है आयल फ्री त्वचा का राज, जानिए ये होममेड क्लींजर बनाने का तरीका

ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

सभी देखें

नवीनतम

इस विंटर सीजन अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए ये 10 ब्यूटी टिप्स जरूर करें फॉलो

एक हफ्ते में कम करना चाहते हैं वजन तो ये डिटॉक्स डाइट अपनाएं, तुरंत दिखेगा असर

बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या से हैं परेशान? राहत के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

ठंड के सीजन में फटने लगी है त्वचा? तो अपनाएं सबसे असरदार और नैचुरल उपाय

भारतीय लोगों पेट के आस-पास चर्बी क्यों जमा हो जाती है? जानें कारण और समाधान

अगला लेख