मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा का निधन

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रंग, तूलिका, रेखाओं के ज्यामितीय संयोजन से चमत्कार करने वाले जानेमाने चित्रकार सैयद हैदर रजा नहीं रहे। 94 साल की उम्र में दिल्ली में उनका निधन हुआ। फ्रांस बेस्ड इंडियन आर्टिस्ट रजा पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। चमकदार रंगों के कुशल प्रयोग और तेल चित्र की नई अवधारणा के साथ वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार थे। 
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में रजा का जन्म 22 फरवरी 1922 हुआ था। उन्होंने फ्रांसिस न्यूटन सूजा और के.एच. आरा के साथ मिलकर 1947 में बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप बनाया। 50 के दशक में ही वे फ्रांस चले गए थे। कुछ साल पहले ही भारत लौटे थे। रजा को 1981 में पद्मश्री और ललित कला अकादेमी की रत्न सदस्यता जैसे सम्मान मिले थे।

2007 में उन्हें पद्मभूषण मिला। 2013 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मविभूषण मिला था। उन्हें एस. एच. रज़ा के नाम से भी जाना जाता था। उनकी ज्यादातर पेंटिंग तेल या एक्रेलिक में बनी हैं। जून 2010 उनकी एक पेंटिंग 16.42 करोड़ में बिकी थीं जो खासी चर्चा में रही। वह 1983 में ललित कला अकादमी के फैलो निर्वाचित हुए थे।
 
रजा पिछले दो महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे।
उनके घनिष्ठ मित्र कवि अशोक वाजपेयी ने बताया, ‘‘उन्होंने सुबह 11 बजे अंतिम सांस ली।’’ उनकी इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश के मंडला में किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय तौर पर ख्यातिप्राप्त कलाकार रजा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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