कमला प्रसाद के निधन से साहित्य जगत स्तब्ध

संगठन के स्तर पर अनन्य थे कमला प्रसाद

Webdunia
- रवीन्द्र व्या स
ND

प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव और वसुधा पत्रिका के संपादक कमला प्रसाद के निधन से साहित्यिक हलका स्तब्ध है। एक ऐसे समय में जब सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक स्तर पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लेखकीय प्रतिरोध की अत्यंत और प्रखर जरूरत थी, उन्होंने पूरे देश में घूम-घूम कर लेखकों को चेताया, सजग और सचेत किया।

प्रलेस की तमाम इकाइयों में अपनी सांगठनिक क्षमता से जान फूँकी और युवा लेखकों को संगठन और रचनाधर्मिता के प्रति जागरूक तथा प्रेरित किया।

उनके निधन पर बातचीत करते हुए वरिष्ठ कवि चंद्रकांत देवताले कहते हैं कि कमलाजी का जाना साहित्य और संगठन दोनों की बहुत बड़ी क्षति हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर युवा लेखकों को जगाया और चेताया और उनकी रचनाधर्मिता को मौका दिया। वे सांगठनिक और लेखकीय दायित्व के प्रति निष्ठावान और सजग थे। उनका जाना मेरी बहुत बड़ी निजी क्षति है। इसमें कोई दो राय नहीं कि उन्होंने प्रलेस के नए लेखकों को प्रोत्साहित किया।

यही कारण है कि युवा कवि पवन करण कहते हैं कि उनके जाने से मैं बहुत बेचैन और विचलित हूँ। वे ही थे जिन्होंने ने मुझे प्रगतिशील लेखक संघ में एक युवा लेखक के बतौर पौधे की तरह रोपा।

मप्र प्रलेस के पूर्व महासचिव और कवि कुमार अंबुज उन्हें बहुत शिद्दत से याद करते हैं। उनका मानना है कि कमलाजी ने लेखकों की वृहत्तर आवाज और प्रतिरोध को नेतृत्व दिया। वे सांगठनिक स्तर पर अनन्य थे। उनकी सक्रियता ने अविभाजित मप्र और देश में प्रलेस की इकाइयों और हलचलों को संभव कर सार्थक किया। आलोचना के जरिए विपुल काम भी सामने रखा।

युवा कवि अशोक कुमार पांडेय का कहना है कि कमलाजी से तमाम असहमतियाँ रहीं लेकिन वे बेहद लोकतांत्रिक व्यक्ति थे, जिन्होंने असहमतियों का सम्मान किया। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।

मप्र प्रलेस के महासचिव विनीत तिवारी का कहना है कि सत्तर के बाद उन्होंने लेखकों को जोड़ने का काम कामयाबी के साथ आगे बढ़ाया। कश्मीर से लेकर उत्तर-पूर्व और दक्षिण में प्रलेस की इकाइयाँ खड़ी कीं और अन्य भाषाओं के साथ आत्मीय संबंधों के प्रयास किए।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

घर में सुख-समृद्धि के लिए 10 ज्योतिष टिप्स और उपाय

Hindi diwas 2025 Speech: हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाने के लिए ऐसे करें की तैयारी

gold import rules: विदेश से कितना सोना ला सकते हैं ड्यूटी-फ्री, जानिए पुरुषों और महिलाओं के लिए क्या हैं कस्टम के नियम

Hair Care: बालों और स्कैल्प के लिए कॉफी कितनी फायदेमंद है? जानें पूरे फायदे और नुकसान

समाज में लिव-इन रिलेशन को लेकर क्यों बढ़ा आकर्षण, जानिए शादी के बिना साथ रहने के फायदे, नुकसान और कानूनी पहलू

सभी देखें

नवीनतम

Teacher Day 2025: आदर्श शिक्षक की पहचान- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

देश में हर तीसरी मौत के पीछे हार्ट अटैक, रिपोर्ट में सामने आई डरावनी तस्वीर, क्‍या कहा डॉक्‍टरों ने?

गजब टीचर की अजब कहानी, मिलते हैं फिल्मी शिक्षकों से...

teacher day: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षक दिवस क्यों मनाया?

teacher day: शिक्षक दिवस पर अपने टीचर्स को भेजें, ये 10 सबसे बेहतरीन संदेश