मशहूर रंगकर्मी सत्यदेव दुबे नहीं रहे

Webdunia
ND
मशहूर रंगमंच निर्देशक, अभिनेता और पटकथा लेखक सत्यदेव दुबे का रविवार को मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जन्मे सत्यदेव ने मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाया और हिन्दी रंगमंच को लोकप्रिय बनाने के लिए आखिरी वक्त तक काम करते रहे।

पद्मभूषण से सम्मानित सत्यदेव दुबे को इसी साल सितंबर में पृथ्वी थिएटर प्रांगण में हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और तब से वे कोमा में ही थे। उनके परिजन के मुताबिक दुबेजी का रविवार सुबह करीब 11.30 बजे मस्तिष्काघात से निधन हो गया।

क्रिकेटर बनने का सपना लेकर बिलासपुर से मुंबई आने वाले दुबेजी ने बाद में इब्राहिम अल्काजी के थिएटर ग्रुप को अपना ठिकाना बनाया। अल्काजी के दिल्ली जाने के बाद उन्होंने पूरी तरह से रंगमंच को ही अपनी कर्मभूमि बनाया और मराठी व हिन्दी नाटकों को पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

अंकुर, निशांत, भूमिका, जुनून, कलयुग, आक्रोश, विजेता फिल्मों में उन्होंने स्क्रीनप्ले व डायलॉग लिखे। उन्हें बेस्ट स्क्रीन प्ले व डायलॉग के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म "भूमिका" की पटकथा और संवाद लिखने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी