गेब्रियल गरसिया मार्केज़ : यथार्थ और कल्पना के अनूठे लेखक

गेब्रियल गरसिया मार्केज़ : जन्म 6 मार्च 1927 / मृत्यु- 17 अप्रैल 2014

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Marquez Gabriel Garcia


कोलंबियाई लेखक गेब्रियल गरसिया मार्केज़ का जाना उन लाखों पाठकों के लिए स्तब्ध कर देने वाला है जो श्रेष्ठ साहित्य के मुरीद हैं। कल्पना और यथार्थ को जिस जादुई अंदाज में उन्होंने पेश किया वह पूरी दुनिया में बेजोड़ हैं। जीवन का सच जैसा जिस रूप में उन्होंने देखा-भोगा उसे वैसा ही पन्नों पर रख देने में उन्हें महारत हासिल थी।

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गरसिया मार्केज़ का कहना था कि जो कुछ मैंने लिखा उसका मुझे अफसोस नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह से सुविचारित साहित्य का रूप है। उनके अधिकांश साहित्य में एकांत भी वैसे ही महकता है जैसे जंगल से गुजरते वक्त महुआ की ठहरी हुई सी खुशबू देर तक साथ चले।

लोककथाओं की जो विचित्रताएं उनके साहित्य में दिखती हैं वह उनकी नानी के माध्यम से उन तक पहुंची जो उन्हें बचपन में बड़े शौक से विविध प्रकार की कथाएं सुनाया करती थीं।

खुद मार्केज़ का कहना था कि मैं उन्हें सुन-सुन कर कल्पनाएं किया करता था। भूत-प्रेत मृतात्माओं का जो कुछ भी संचित ज्ञान उनके पास था वह सब उन्होंने मुझमें उड़ेल दिया था। दूसरे शब्दों में मार्केज़ अपने लेखन की परिपक्वता का समस्त श्रेय नानी के किस्सों-कहानियों को ही देते थे। मार्केज़ के नाना रिकॉर्डो मार्केज़ कोलंबिया के जनसंघर्ष के साक्षी रहे थे। युद्ध और संघर्ष के उनके किस्सों ने मारक्वेज के यथार्थवादी लेखन में कल्पनाशीलता का समावेश किया।

1936 में जब उनके नाना नहीं रहे तब मार्केज़ माता-पिता के पास लौट आए। लेकिन उनके पास वे बहुत थोड़े समय रहे। जल्द ही बोर्डिंग स्कूल में भेज दिए गए। मार्केज़ शुरू से ही पढ़ाकू थे। कक्षा में सब उन्हें 'द ओल्ड मैन' के नाम से पुकारा करते थे। खेल के बजाय उनकी रूचि कॉमिक्स बनाने में ज्यादा होती थी। बहुत छोटी उम्र में जबकि उनकी भाषिक क्षमता भी ज्यादा विकसित नहीं थी उन्होंने चित्रकथाएं बनाना शुरू कर दिया था। जिसे देखकर उनके शिक्षक भी चकित रह जाते थे। मात्र 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल की। स्कूली शिक्षा के उपरांत मार्केज़ पत्रकारिता में अपना करियर बनाना चाहते थे लेकिन पारिवारिक दबाव के चलते उन्हें अनिच्छा से कानून में प्रवेश लेना पड़ा, हालांकि यह डिग्री उन्होंने कभी हासिल नहीं ‍की क्योंकि कानूनी अध्ययन उन्हें कभी रास नहीं आया। इस बीच उन्होंने स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता आरंभ कर दी।

1947 में उनकी पहली शॉर्ट स्टोरीज् बुक प्रकाशित हुई। 1950 में मार्केज़ ने अल हेराल्ड के लिए नियमित कॉलम लिखना आरंभ किया। 1952 में उन्होंने अपना पहला नॉवेल लिखा। उनके मित्रों ने 1955 में उसे प्रकाशित करवाया। 1954 में ही मार्केज़ बोगाटा लौट आए और एक अखबार में रिपोर्टर और फिल्म समीक्षक के रूप में उन्हें काम मिल गया।

1958 में मारक्वेज ने मर्सीडीज बार्चा पैरडो से शादी की। उनके लेखकीय जीवन ने जब रफ्तार पकड़ना आरंभ किया तो फिर वह थमा नहीं बल्कि अवॉर्ड और पुरस्कारों से सम्मानित होता हुआ निर्बाध गति से बह निकला। 1982 में उन्हें साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला। मार्केज़ ने अपने लेखन को कभी नहीं रुकने दिया। वह खुद को ऐसा पत्रकार मानते थे जो 'फिक्शन' लिखता है।

1995 में उन्होंने यूनेस्को के आर्थिक सहयोग से पत्रकारिता के लिए फाउंडेशन स्थापित किया जो युवा पत्रकारों को पत्रकारिता के मूल्य और कला सीखने में मदद करता है। 1999 में मारक्वेज को कैंसर हुआ। उसके बाद भूलने की बीमारी ने उन्हें घेरा। जाहिर है उनका पत्रकारीय और साहित्यिक लेखन कमजोर पड़ गया।

उनके जाने के बाद भी युवा पाठकों में उनके लिखे वाक्य उतने ही लोकप्रिय रहेंगे जितने उनके जीते जी वह पढ़े जाते रहे। जादुई यथार्थवाद के अनोखे प्रयोगशील लेखक को विनम्र श्रद्धांजलि।

प्रस्तुत है उनके कुछ लोकप्रिय वचन



Marquez Gabriel Garcia -

“A man should have two wives: one to love and one to sew on his buttons.”

“He is ugly and sad … but he is all love.”

“A man knows when he is growing old because he begins to look like his father.”

“She always felt as if her life had been lent to her by her husband: she was absolute monarch of a vast empire of happiness, which had been built by him and for him alone. She knew that he loved her above all else, more than anyone else in the world, but only for his own sake: she was in his holy service.”

“No, not rich. I am a poor man with money, which is not the same thing.”

“The problem with marriage is that it ends every night after making love, and it must be rebuilt every morning before breakfast.”

“I discovered to my joy, that it is life, not death, that has no limits.”

“And love. Nothing is more difficult than love.”

“Ultimately, literature is nothing but carpentry.”


“The problem is that the moment you know the interview is being taped, your attitude changes. In my case I immediately take a defensive attitude. As a journalist, I feel that we still haven't learned how to use a tape recorder to do an interview. The best way, I feel, is to have a long conversation without the journalist taking any notes.”

“Anyway, the whole purpose of what I just said was to put you on the defensive.”

“I've always been convinced that my true profession is that of a journalist.”


“Before I could read or write I used to draw comics at school and at home. The funny thing is that I now realize that when I was in high school I had the reputation of being a writer, though I never in fact wrote anything. If there was a pamphlet to be written or a letter of petition, I was the one to do it because I was supposedly the writer.”


“The people who really helped me to get rid of my intellectual attitude towards the short story were the writers of the American Lost Generation. I realized that their literature had a relationship with life that my short stories didn't.”

“Leaf Storm was written for my friends who were helping me and lending me their books and were very enthusiastic about my work. In general I think you usually do write for someone.”

“Fiction has helped my journalism because it has given it literary value. Journalism has helped my fiction because it has kept me in a close relationship with reality.”

“In every novel, the character is a collage: a collage of different characters that you've known, or heard about or read about.”

“I've got a photography book that I'm going to show you. I've said on various occasions that in the genesis of all my books there's always an image.”

“I don't think you can write a book that's worth anything without extraordinary discipline.”

“In general, I'm not a friend of writers or artists just because they are writers or artists. I have many friends of different professions, amongst them writers and artists.

“I would have liked for my books to have been recognized posthumously, at least in capitalist countries, where you turn into a kind of merchandise.”


“With both you are working with reality, a material just as hard as wood.”

“Home is where your books are, they say, but for me it's where my recordings are. I've got more than five thousand of them”

“My literary background was basically in poetry, but bad poetry, since only through bad poetry can you get to good poetry”

“A person doesn't die when he should but when he can.”


“The problem with marriage is that it ends every night after making love, and it must be rebuilt every morning before breakfast.

'' Nothing in this world was more difficult than love.

“There is always something left to love

'' The only regret I will have in dying is if it is not for love.”

" I don't believe in God, but I'm afraid of Him."

" A famous writer who wants to continue writing has to be constantly defending himself against fame."

“What matters in life is not what happens to you but what you remember and how you remember it.”

" The year I turned 90, I wanted to give myself the gift of a night of wild love with an adolescent virgin."

" I say extraordinary things in an ordinary tone. It's possible to get away with ANYTHING as long as you make it believable."

Nobody deserves your tears, but whoever deserves them will not make you cry.”

( वेबदुनिय ा साहित् य डेस् क)


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