आज फिर सावन बरस रहा है

फाल्गुनी

Webdunia
ND
आज फिर सावन बरस रहा है,
और मेरा मिट्टी जैसा मन
तुम्हारी यादों की झर-झर बूँदों से
सौंधा-सौंधा महक रहा है।
आज फिर सावन बरस रहा है,
मेरा बादल जैसा आँचल,
तुम्हारी पेशानी क ो छू लेने को मचल रहा है।
आज फिर सावन बरस रहा है,
मेरा इन्द्रधनुष जैसा परिधान,
तुम्हारी एक नजर के लिए तरस रहा है।
आज फिर सावन बरस रहा है।
ND
तुम नहीं हो कहीं भी,
पर हो थोड़े-थोड़े यहीं भी,
मेरी पलकों की कोर पर
बारिश का आँसू बन कर,
तुम नहीं आ सकते लेकिन
तुम्हारे आने का संदेश लिए
ये कैसा मानसून
मेरे भीत र धड़क रहा है।
तुम्हें पता होग ा फिर भी
सुन लो मुझसे
कि आज फिर सावन बरस रहा है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

गर्मियों में इन हर्बल प्रोडक्ट्स से मिलेगी सनबर्न से तुरंत राहत

जल की शीतलता से प्रभावित हैं बिटिया के ये नाम, एक से बढ़ कर एक हैं अर्थ

भारत-पाक युद्ध हुआ तो इस्लामिक देश किसका साथ देंगे

बच्चों की कोमल त्वचा पर भूलकर भी न लगाएं ये प्रोडक्ट्स, हो सकता है इन्फेक्शन

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

सभी देखें

नवीनतम

एक ग्रह पर जीवन होने के संकेत, जानिए पृथ्वी से कितना दूर है यह Planet

प्रभु परशुराम पर दोहे

अक्षय तृतीया पर अपनों को भेजें समृद्धि और खुशियों से भरे ये प्यारे संदेश

भगवान परशुराम जयंती के लिए उत्साह और श्रद्धा से पूर्ण शुभकामनाएं और स्टेटस

समर्स में शरीर की गर्मी बढ़ा देती हैं ये चीजें, पड़ सकते हैं बीमार