ज़मीनी रंग है कुछ उसका भी

राजकुमार कुम्भज

Webdunia
बिजली का खंबा नहीं है दिसंबर

कि भीतरी रंगत का रंग

बिखेर ही दे बहुत बाहर तक

एक अलहदा एकांत है होंठों पर, होंठों का

जो चूमे , वो जाने ‍

गूंगों का गुड़ सुरक्षित है आदिकाल से

और सागर पार की गरमाहट में ख्याल उनका

वे जानें, हमें क्या

हमें तो हमारी बस्ती का अलाव चाहिए

चूल्हे पर पकती दाल रोटी चाहिए

WDWD
नदी में बहते साफ पानी संग एक नौका चाहिए

चाहिए, चाहिए

वफादार चाकू जैसी दिसंबर की खब्त भी चाहिए

बिजली का खंबा नहीं है दिसंबर

ज़मीनी रंग है कुछ उसका भी

ग़र याद रहे।

Show comments

वर्ल्ड म्यूजिक डे 2025 : संगीत का साथ मेंटल हेल्थ के लिए इन 7 तरीकों से है फायदेमंद

21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: 30 की उम्र तक हर महिला को शुरू कर देना चाहिए ये 5 योग अभ्यास

21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस, जानें इसकी 3 खास बातें

क्यों पुंगनूर गाय पालना पसंद कर रहे हैं लोग? जानिए वैदिक काल की इस अद्भुत गाय की विशेषताएं

100 सिटअप्स के बराबर है ये एक योगासन, फिट रहने के लिए सबसे कारगर, जानिए फायदे और इसे करने का तरीका

वर्ल्ड म्यूजिक डे 2025 कोट्स, विशेस, शुभकामनाएं, बधाई संदेश

वर्ल्ड म्यूजिक डे 2025 : कौन सा था वो गाना जिसे सुनकर सुसाइड कर लेते थे लोग?

21 जून को रात सबसे छोटी क्यों होती है? जानें कारण और रोचक जानकारी

किडनी कैंसर जागरूकता दिवस: समय पर जांच और इलाज तो किडनी कैंसर से पीड़ितों की बच सकती है जान