रिमझिम फुहारों की कसम

फाल्गुनी

Webdunia
ND
रिमझिम महकती फुहारों की कसम
बरखा के दमकते मोती
कोंपलों के मुहाने पर
जब भी चम-चम चमके हैं
मेरे मन के कोरे आँगन में
तुम्हारी यादों के बादल
झर-झर कर बरसे हैं।

रुनझुन नशीली बूँदों की कसम
धरती पर आकर जब भी
जल के दीपक थिरके हैं
मेरी आँखों की मुँडेर पर
तुम्हारी प्रतीक्षा के अनार
टूट-टूट कर बिखरे हैं।

झमाझम लहराते सावन की कसम
मौसम ने जब भी मुस्कुराकर
हरा रंग पहना है
मेरे मन के धुसर होते रंगों ने
इन्द्रधनुषी त ुलिका को चुन ा है।

गड़-गड़ गरजते बादलों की कसम
मचलती बिजली ने जब भी
पूरी कायनात को हिलाया है
मेरे अन्तर्मन को
तुम्हारी दूरियों के झोंकों ने
जार-जार र ुलाया है।

सौंधी-सौंधी मिट्टी की कसम
नन्ही कलियों ने उसमें लिपट
जब भी खिलते हुए मुझे दुलराया है
मेरे हाथों को, तुम्हारे हाथों ने
ख्वाबों में देर तक सहलाया है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

ये 10 फूड्स खाकर बढ़ जाता है आपका स्ट्रेस, भूलकर भी ना करें इन्हें खाने की गलती

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

सभी देखें

नवीनतम

विश्व जनसंख्या दिवस 2025: जानिए इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम

वर्ल्ड पॉपुलेशन डे पर पढ़ें जनसंख्या के प्रति जागरूकता के लिए 25 प्रेरक नारे, कोट्स और अनमोल वचन

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स

इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम