हिन्दी कविता : कर्म...

शम्भू नाथ
कर के कर्म हे मानव तू,
पीछे क्यों पछताता है।


 
जैसा जो कर्म करता है,
वो वैसा फल पाता है। 
 
पथ पर जब तुम चलते हो,
क्यों सच को अपने डुबाते हो।
जब मेहनत का फल मिलता है,
तो फोकट में क्यों खाते हो।
 
उन्हीं बुरे कर्मों के द्वारा,
जीवन में संकट आता है।
कर के कर्म हे मानव तू,
पीछे क्यों पछताता है।
 
जैसा जो जैसा करता है,
वो वैसा फल पाता है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रात में Wi Fi राउटर बंद करने से क्या होता है? क्या हेल्थ पर पड़ता है कोई असर?

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

क्या महिलाओं को भी होता है स्वप्नदोष, क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

1 मिनट से लेकर 1 घंटे तक चलने के हैरान कर देने वाले फायदे, जानिए हर मिनट के साथ आपके शरीर में क्या बदलता है?

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

सभी देखें

नवीनतम

Family Day quotes: अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर पढ़ें दिल को छू जाने वाले कोट्‍स

कहानी पाकिस्तान के इस्लामी बम की

डायबिटीज के कितने टाइप होते हैं? कौन सा है सबसे खतरनाक?

फैटी लिवर से छुटकारा दिला सकता है स्ट्रॉबेरी का ये जादुई फल, जानिए कैसे?

देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं शिवांगी सिंह, जिन्हें पकड़ने का पाकिस्तान ने किया झूठा दावा, जानिए उनकी कहानी