अक्षय तृतीया पर कुंडलिया छंद

सुशील कुमार शर्मा
गुरुवार, 1 मई 2025 (13:27 IST)
कुंडलिया छंद - 1
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम।
दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम।
सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ।
लक्ष्मी का है धाम, धान्य धन सब कुछ पाओ।
कह सुशील कविराय, दिवस यह मंगलदाई।
भरे रहें भंडार, तृतीया अक्षय आई।।
 
कुंडलिया छंद - 2
 
पावन अक्षय पर्व पर, करें दान भरपूर।
पितरों के आशीष से, मिटे सकल नासूर।।
मिटे सकल नासूर, पाप सब क्षय हो जाते।
भरे रहें धन धान्य, कीर्ति यश बल सब पाते।
कह सुशील कविराय, परशु जी का अभिनंदन।
अक्षय हों शुभ कर्म, तृतीया यह है पावन ।।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

ALSO READ: मजदूर दिवस पर कविता : संघर्ष का सूर्योदय
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

जानिए कितनी है वैभव सूर्यवंशी की नेट वर्थ , किस परिवार से आता है क्रिकेट का यह युवा सितारा?

एक ग्रह पर जीवन होने के संकेत, जानिए पृथ्वी से कितना दूर है यह Planet

समर्स में शरीर की गर्मी बढ़ा देती हैं ये चीजें, पड़ सकते हैं बीमार

गर्मी के दिनों में फैशन में हैं यह कपड़े, आप भी ट्राय करना ना भूलें

क्या है परेश रावल के यूरीन से इलाज के दावे का सच, जानिए क्या बोले यूरोलॉजिस्ट

सभी देखें

नवीनतम

संत सूरदास जयंती: कैसे एक दृष्टिहीन कवि ने रच दिया भक्तिकाल का सबसे उजला अध्याय, पढ़ें उनके 20 कालजयी दोहे

मजदूर दिवस पर कविता : संघर्ष का सूर्योदय

1 मई 2025: गुजरात-महाराष्ट्र स्थापना दिवस का इतिहास, महत्व और भाषाई आंदोलन की कहानी

1 मई, अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पढ़ें 10 बेहतरीन स्लोगन

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस : लाखों मजदूरों के परिश्रम, दृढ़ निश्चय और निष्ठा का दिवस है

अगला लेख