निदा फाजली के बेहतरीन दोहे..., यहां पढ़ें

Webdunia
Nida Fazli
 

निदा फाजली का जन्म ग्वालियर में 12 अक्टूबर 1938 को हुआ था। 'निदा फाजली' यह उनके लेखन का नाम है। उनका असली नाम मुक्तदा हुसैन है। यहां प्रस्तुत हैं उनके कुछ मशहूर दोहे- 

दोहे- 
 
रास्ते को भी दोष दे, आंखें भी कर लाल
चप्पल में जो कील है, पहले उसे निकाल
 
मैं भी तू भी यात्री, आती-जाती रेल
अपने-अपने गांव तक, सबका सब से मेल।
 
दर्पण में आंखें बनीं, दीवारों में कान
चूड़ी में बजने लगी, अधरों की मुस्कान
 
युग-युग से हर बाग का, ये ही एक उसूल
जिसको हंसना आ गया वो ही मट्टी फूल
 
सुना है अपने गांव में, रहा न अब वह नीम
जिसके आगे मांद थे, सारे वैद्य-हकीम  
बूढ़ा पीपल घाट का, बतियाए दिन-रात
जो भी गुजरे पास से, सिर पे रख दे हाथ
 
पंछी मानव, फूल, जल, अलग-अलग आकार
माटी का घर एक ही, सारे रिश्तेदार
 
सीधा सादा डाकिया जादू करे महान 
एक ही थैले में भरे आंसू और मुस्कान
 
घर को खोजें रात दिन घर से निकले पांव
वो रस्ता ही खो गया जिस रस्ते था गांव
 
छोटा कर के देखिए जीवन का विस्तार
आंखों भर आकाश है बांहों भर संसार
 
मैं रोया परदेस में, भीगा मां का प्यार
दुख ने दुख से बात की, बिन चि‍ट्ठी बिन तार।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

हिंदी साहित्य के 15 शीर्ष उपन्यास जिन्हें पढ़े बिना अधूरा है किसी पाठक का सफर

स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की मौत कैसे हुई?

अंतरिक्ष में नई कहानी लिखने की तैयारी, शुभ हो शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा

बीमारियों से बचना है तो बारिश में रखें ये 10 सावधानियां

मिलिंद सोमन की मां 85 साल की उम्र में कैसे रखती हैं खुद को इतना फिट, जानिए उनके फिटनेस सीक्रेट

अगला लेख